लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा महकमे में शिक्षकों की भर्ती और दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने रविवार को अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए और डिफाॅल्टर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए जो भी फर्जी पाया जाता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि काफी हद तक ऐसे मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। हालांकि बड़ी संख्या में शिक्षक हैं, समय लगाता है। लेकिन, टीम लगाकर पूरी जांच पड़ताल की जायेगी। यही नहीं मुख्यमंत्री ने महिलाओं, एससी-एसटी, गो-हत्या तथा गो-तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों के खिलाफ भी सख्त और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
दरअसल प्रदेश में अनामिका शुक्ला के प्रमाणपत्रों के जरिए कई महिलाओं के फर्जी तरीके से अन्य जगहों पर इसी नाम से नौकरी करने की पोल खुली है। इससे शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। असली अनामिका शुक्ला जहां स्वयं बेरोजगार है, वहीं उसके प्रमाणपत्रों को फर्जी तरीके से इस्तेमाल करके कई महिलाएं शिक्षण कार्य कर रही हैं। अब इनकी धड़पकड़ की जा रही है। अब अनामिका की तरह ‘प्रीति’ नाम से दो जगह फर्जी नौकरी की बात सामने आयी है। असली अनामिका की तरह असली प्रीति भी बेरोजगार है। प्रीति प्रकरण में पूर्वांचल के जौनपुर और आजमगढ़ जिले में नौकरी करने की बात सामने आयी है। मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। विपक्षी दल शिक्षा महकमे में इस तरह के कई मामले सामने आने के बाद लगातार सरकार पर हमलवार बने हुए हैं। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की गहराई से छानबीन करके फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।