लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा आईएएस अफसर तथा श्रम आयुक्त सुधीर बोबडे के खिलाफ दी गयी शिकायत का संज्ञान लिया है। उन्होंने श्री बोबडे का मजदूरों को दिए जाने वाले वेतन के संबंध में 1.07 मिनट का एक विडियो क्लिपिंग प्रस्तुत करते हुए कार्यवाही की मांग की थी। नूतन ने कहा था कि संसद ने मजदूरों की सुरक्षा के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम तथा वेतन संदाय अधिनियम बनाए, जिनमें मजदूरों को समय से न्यूनतम मजदूरी देने के प्रावधान हैं। प्रदेश सरकार ने हाल में पारित यूपी कतिपय श्रम अधिनियमों से अस्थायी छूट अध्यादेश 2020 में भी इन विधिक प्रावधानों को यथावत रखा है।
इसके विपरीत एक आधिकारिक बैठक में श्री बोबडे उस विडियो में अपने अधीनस्थ अफसरों को यह निर्देश दे रहे हैं कि किसी भी फैक्ट्री मालिक द्वारा न्यूनतम वेतन नहीं देने पर कोई भी अफसर श्रम आयुक्त की पूर्वानुमति के बिना किसी भी फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें भेजा जाता है तो वे एफआईआर दर्ज करने की किसी को भी अनुमति नहीं देंगे। नूतन ने कहा था कि श्री बोबडे का यह कथन मजदूरों को वेतन देने के संबंध में पारित केंद्रीय कानून के प्रावधानों के स्पष्टतया विपरीत है और सीधे-सीधे मजदूर विरोधी है। इस पर प्रवीण कुमार सिंह, अनु सचिव, नियुक्ति अनुभाग-5 ने उन्हें शपथपत्र के माध्यम से शिकायत प्रस्तुत करने तथा इसके लिए साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु कहा है।