देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों की खुशहाली का रास्ता होगा प्रशस्त
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों की खुशहाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वायदा उनकी प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने न केवल वायदा किया, बल्कि इसे जमीन पर उतराने के लिए काम भी किए। हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्रॉप, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी इसका सबूत है। उनके दूसरे कार्यकाल की दूसरी कैबिनेट में किसानों के अधिकतम हित में लिए गये फैसले उसी की कड़ी हैं। ये फैसले देश के करीब 14 करोड़ किसानों की खुशहाली में मददगार होंगे। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, कृषि उपजों का अबाधित व्यापार, एक देश, एक कृषि बाजार, आपरेशन ग्रीन, किसान क्रेडिट कार्ड पर उदार शर्तों पर ऋण, बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए वित्तीय सुविधा, पीएम मत्स्य संपदा योजना और मछली पालन, मधुमक्खी पालन, हर्बल खेती को प्रोत्साहन और पशुओं के प्रमुख रोगों के खिलाफ टीकाकरण के अभियान से समग्रता में खेतीबाड़ी और पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा। इससे खेतीबाड़ी के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव आएगा। किसानों की आय बढ़ेगी और वे खुशहाल होंगे।
बढ़ेगी भंडारण की सुविधा, रुकेगी बर्बादी
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अब अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू आदि को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया है। ऐसा होने से निवेशकों को नियमों से मुक्ति मिल जाएगी। उत्पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति आसान हो जाएगी। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। खासकर कोल्डस्टोरेज, सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी। भंडारण सुविधा बढ़ने से कृषि उपजों की अनावश्यक बर्बादी रुकेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के साथ ही प्रधानमंत्री ने उपभोक्ताओं के हितों का भी पूरा खयाल रखा है। मसलन अप्रत्याशित स्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित करने का अधिकार उसने अपने पास रखा है।
जहां मिलेगा वाजिब दाम वहां अपनी उपज बेच सकेंगे किसान
कैबिनेट ने कृषि उपजों के अबाधित कारोबार के लिए कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को भी मंजूरी दी है। इससे एक देश, एक कृषि बाजार का सपना साकार होगा। किसान को जहां भी उसके उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा वह उसे वहां बेच सकेगा। ऐसे में किसी फसल के बंपर पैदावार होने पर किसान के सामने स्थानीय बाजार में औने-पौने दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं होगी। जिन क्षेत्रों में संबंधित चीज की कमी होगी वहां आपूर्ति बढ़ने से उनको भी अधिक दाम नहीं चुकाने होंगे। अध्यादेश में कृषि उत्पादों के कारोबार को और आसान बनाने के लिए ई-प्लेटफार्म बनाने का भी प्रस्ताव है।
कैबिनेट ने मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश को भी मंजूरी दी है। यह प्रसंस्करण करने वालों, थोक एवं फुटकर विक्रेताओं और निर्यातकों को जोड़ने में मददगार होगी। इससे खेती का जोखिम अन्य स्टेकहोल्डर्स को ट्रांसफर हो जाएगा। बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। इन्हीं स्टेकहोल्डर्स के जरिए किसानों की आधुनिक तकनीक, गुणवत्ता के कृषि निवेश तक पहुंच हो जाएगी। इससे उपज के साथ उनकी आय भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के साथ ही मोदी के लिए किसानों के साथ समाज के सबसे वंचित वर्ग के तबके के जीवन में बदलाव लाना प्राथमिकता रहा है। अब तक के उनके तमाम निर्णयों के केंद्र में समाज का यही वर्ग रहा है।