जरूरतमंदों को आपसी सहयोग कर उपलब्ध कराई जा रही मदद : डीएम
इटावा : कोरोना वायरस के कारण जहां पूरी दुनिया चिन्तित व भयभीत है, वही उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह की महिलांए बहादुरी के साथ मुकाबला कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को इस आपदा के बारे में, उससे मुकाबला करने व बचाव के तरीके के बारे न केवल जागरूक कर रही है। साथ ही साथ जरूरतमंदों को आपात स्थिति में जरूरी सहायता उपलब्ध कराकर उन्हें संबल प्रदान कर रही है। जिलाधिकारी जे.बी. सिंह ने महिलाओं की सक्रिय भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को आपसी सहयोग करते हुए सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक 329 समूहों को खाद्यान्न उपलब्ध करायी गई है, रुपए 2.50 लाख बिना ब्याज के आर्थिक सहायता के रूप में 29 समूह के सदस्यों को ग्राम संगठन द्वारा उपलब्ध कराया गये है। अप्रवासी श्रमिकों जो विभिन्न प्रदेशों व शहरों से वापिस गांव में आए है। उन्हें समूह में जोड़कर स्वरोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों के 429 परिवारों को अब तक इन महिलाओं द्वारा विशेष प्रयास करते हुए समूहों से जोड़कर उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान की जा रही है। मनरेगा अन्तर्गत इनके द्वारा मेठ व श्रमिक के रूप में सफल भूमिका निभाई जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी राजागणपति आर ने बताया कि जोखिम निवारण निधि के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जनपद के 212 ग्राम संगठनों को 1.32 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गई है। जिसका उपयोग ग्रामीण गरीब परिवारों के जरूरत के समय सहायता उपलब्ध कराई जा सके। कुशल अप्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर समूहों से जोड़कर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है, उन्हें आवश्यकता नुसार प्रशिक्षण देकर मजबूती से अपने पैरो पर खड़ा करने में भरपूर मदद प्रदान की जायेगी। अभी 7,183 अप्रवासी श्रमिकों का सर्वे हो चुका है जिन्हें लाॅकडाउन के नियमों के अंतर्गत निर्देशानुसार पुनःआर्थिक मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।
उपायुक्त (स्वतःरोजगार) बृज मोहन अम्बेड ने बताया कि समूहों से जुड़ी सक्रिय महिलाओं को कोरोना से बचाव उससे मजबूती से लड़ने हेतु प्रषिक्षित किया गया है जो गांव में समूह की महिलाओं को घर-घर जाकर जागरूक कर रही है। ताकि इस महामारी को ग्रामीण क्षेत्र मे फैलने सेे रोका जा सके। उन्हें मानसिक मजबूती प्रदान की जा सके। जिससे ग्रामीण भय व अवसाद की स्थिति से बाहर आ सके तथा गांव व देश में आर्थिक चक्र को सफलतापूर्वक घुमाया जा सके। समूह की महिलाओं को मनरेगा से जोड़ा जा रहा है जहां व मेठ के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रही है। साथ ही जाॅब कार्ड बनाकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला मिशन प्रबंधक (एस0एम0सी0बी0) नन्दकिशोर शाह ने बताया कि महिलाओं ने अति निर्धन, वृद्धजन, परितियक्ता, दिव्यांग, गर्भवती महिला, रिक्सा-ठेला चालक परिवार, असाध्य रोगो से ग्रसित आदि लोगों की सहायता की खाद्यान्न के साथ-साथ तेल, नमक, मसाला, साबुन, शैम्पू, सर्फ आदि दैनिक उपयोग की सामग्री वितरित की जा रही है इसमें मुख्य रूप से जिला मिशन प्रबन्धक दीपेन्द्र सिंह तोमर, विप्लव भूषण, संतोष कुशवाह, विकासखण्ड मिशन प्रबन्धक दशरथ सिंह, राहुल शर्मा, मनीष सिंह, कुलदीप समाधिया, प्रवीण कुमार के साथ-साथ महिलाओं में राधा शर्मा, कुसमा वर्मा,कल्पना शर्मा, पुष्पा, प्रीती, मालती देवी, शशि प्रभा, आरती शाक्य आदि का सराहनीय सहयोग रहा है।