लखनऊ : ध्यान एक विश्राम है, यह किसी वस्तु पर अपने विचारों का केन्द्रीकरण या एकाग्रता नहीं है, अपितु यह अपने आप में विश्राम पाने की एक प्रक्रिया है। साथ ही ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने मन की चेतना को एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयास करता है। ध्यान का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने आप में एक लक्ष्य हो सकता है। ध्यान का अंग्रेज़ी रूपान्तरण मेडिटेशन हैं। जिस प्रकार हम दवाओं के माध्यम से बीमारी से लड़ते हैं उसी प्रकार मेडिटेशन के माध्यम से अपने इन्द्रियों पर अधिकार पाने की कोशिश करते हैं।
टेंडर हार्टस स्कूल लखनऊ के शारीरिक शिक्षा अध्यापक दिग्विजय शुक्ल ने बताया कि बहुत से लोग मेडिटेशन को धर्म विशेष से जोडते हैं, हम आप को बताना चाहेंगे कि मेडिटेशन (ध्यान) का सम्बन्ध किसी व्यक्ति विशेष, धर्म विशेष या सम्प्रदाय से नहीं होता है, यह एक मानसिक अभ्यास है जिसके द्वारा हम अपने अपने आपको, मन को शांत रख सकते हैं। आज के इस कठिन समय में हमे अपने आप को, दिमाग को शांत रखना जरूरी है, जिसका एकमात्र उपाय है मेडिटेशन (ध्यान)। जिसके माध्यम से हम अपनी शक्ति और चेतना का एहसास करते हैं। संगीत के द्वारा, ॐ के उच्चारण द्वारा, दीपक की लौ, आदि की सहायता से हम ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं। निरन्तर अभ्यास के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी विकारों को भी दूर कर सकते हैं, जैसे- उच्च रक्तचाप, तनाव जनित सिरदर्द से लाभ, अनिद्रा व माइग्रेन आदि। सबसे महत्वपूर्ण हम अपने प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करते हैं क्योंकि समय के समय के साथ-साथ हमे अपने आप को सहज और स्वस्थ्य रखना है।
ध्यान लगाओ रे मना ध्यान लगाओ,
प्रभु में लीन हो जाओ, ध्यान लगाओ।
है समय संयम का मंथन कर लो,
लोगों का कर उपकार कुछ पुण्य कमाओ।।
ध्यान लगाओ रे मना ध्यान लगाओ।
जाति, धर्म, भेदभाव त्याग कर्तव्य पथ पर आओ
समय की हो पहचान अहिंसा को अपनाओ
सहज और निर्भय बन, ज्ञान के दीप जलाओ
समय नहीं अब लड़ने का मिलकर हाथ बढाओ।
ध्यान लगाओ रे मना ध्यान लगाओ।