लखनऊ : आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने बुधवार को शिक्षक भर्ती के परिणाम पर रोक लगाये जाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने तथा परीक्षा की प्रक्रिया में गड़बड़ी होने के संबंध में जितनी शिकायत एवं साक्ष्य सामने आये हैं, उनके संबंध में निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच बेहद जरूरी है। इसके साथ ही अमिताभ ने इस संबंध में उनके द्वारा थाना कर्नलगंज, प्रयागराज में भेजी गयी शिकायत पर भी जल्द एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग की ताकि इस भर्ती में हुई बेईमानियों से संबंधित समस्त आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
गौरतलब है कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया फिर अटक गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। याचियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के कुछ सवालों पर आपत्ति जताई थी। याचिका का कहना था कि इन सवालों के उत्तर एनसीईआरटी की किताबों में कुछ और है जबकि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई आंसर सीट में उत्तर कुछ और है। जिस पर हाईकोर्ट ने एक जून को सुनवाई करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि अथ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर अपनी आपत्तियों को एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार को भेजे और राज्य सरकार इन आपत्तियों को यूजीसी को भेजेगी। मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की गई है। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही उत्तरमाला, संशोधित उत्तरमाला, परिणाम के लिए जिला विकल्प, जिला आवंटन, काउंसलिंग प्रक्रिया समेत सभी प्रक्रिया शून्य हो गई है।