लखनऊ : एसोसिएशन आॅफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 01 मई 2020 को जारी शासनादेश को निरस्त करवाने की प्रार्थना की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव, रेणुका कुमार ने 1 मई 2020 को शासनादेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लाॅकडाउन के कारण स्कूलों में तीन माह तक कोई पढ़ाई नहीं होगी इसलिए वर्तमान सत्र 2020-2021 में फीस बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।
प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट लखनऊ में यह दावा किया है कि यह शासनादेश सरासर अविचारपूर्ण एवं गैरकानूनी है क्योंकि एक शासनादेश विधानसभा में पारित यू.पी. फीस रैगुलेशन एक्ट से ऊपर नहीं हो सकता। सच यह है कि लाॅकडाउन शुरू होते ही 24 मार्च से स्कूलों ने आॅन-लाइन पढ़ाई शुरू कर दी, यह पढ़ाई निरन्तर जारी है और 30 जून तक चलेगी तथा जब तक लाकडाउन रहेगा तब तक यह पढ़ाई जारी रहेगी। इसलिए यह कहना कि वर्तमान सत्र 2020-2021 में तीन महीने कोई पढ़ाई नहीं होगी इसलिये सन् 2020-21 में फीस वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है, सरासर अविचारपूर्ण तथा यू.पी. फीस रैगुलेशन एक्ट के विरूद्ध है एवं पूर्णतया गैरकानूनी है। प्राइवेट स्कूलों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्तों में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।