लखनऊ। बालगृह बालिका में सेक्स रैकेट का राजफाश होने पर अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार व अपर पुलिस महानिदेशक महिला हेल्पलाइन अंजू गुप्ता मामले की गहनता से जांच करने पहुंचीं। पत्रकारों से संक्षिप्त वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण ने कहा कि शासन के निर्देश पर मैं देवरिया आई हूं। जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर शासन गंभीर है। यह मामला काफी संवेदनशील है। इसमें कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
देर रात बालगृह अहम दस्तावेज सीज
सोमवार को पूरे दिन गहमागहमी के बाद बालगृह बालिका पर देर रात भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई। एडीएम सिटी सीताराम गुप्ता, अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी गणेश शाह के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने बालगृह बालिका में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज सीज किए। एडीएम सिटी ने कहा कि यहां रजिस्टर, विजिटर रजिस्टर व पंजीकरण रजिस्टर देखा गया है। छानबीन चल रही है, शासन से आई टीम सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी फिर आगे की कार्रवाई तय होगी।
देवरिया के नारी संरक्षण गृह में उत्पीड़न का मामला संज्ञान में आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैैं। महिला कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार व एडीजी महिला हेल्पलाइन अंजू गुप्ता की जांच टीम ने देवरिया पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह टीम मंगलवार को रिपोर्ट सीएम को सौंपेगी। अगले 12 घंटे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। कई जिलों में जिलाधिकारियों ने बालिका गृहों में जाकर जांच भी की।
देवरिया की घटना की जानकारी मिलते ही योगी सरकार सोमवार सुबह से ही हरकत में आ गई। मुख्यमंत्री ने महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार को पांच कालिदास मार्ग पर बुलाया। मुख्यमंत्री ने गंभीर रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी सुजीत कुमार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। आरोप है कि साल भर पहले संस्था को बंद करने का निर्देश मिलने के बाद भी डीएम ने कोई कार्रवाई कार्रवाई नही की।
हेलीकॉप्टर से देवरिया भेजी जांच टीम
दोपहर डेढ़ बजे महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने प्रेस कांफ्रेस बुलाकर मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले की विस्तृत जांच के लिए रेणुका कुमार व अपर पुलिस महानिदेशक (महिला हेल्पलाइन) अंजू गुप्ता की जांच कमेटी का गठन कर उन्हें हेलीकॉप्टर से देवरिया भेज दिया है। इस टीम ने वहां की महिलाओं और लड़कियों से बयान लेना शुरू कर दिया है। जांच में मंडलायुक्त गोरखपुर सहयोग व मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में दोषी पाये गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सभी संरक्षण गृहों की जांच शुरू, 12 घंटे में रिपोर्ट तलब
महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर की घटना को देखते हुए तीन अगस्त को सभी डीएम को तत्काल अपने-अपने जिलों में स्थित महिला संरक्षण गृह तथा बाल संरक्षण गृह के निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब उन्होंने अगले 12 घंटे में सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। कई जिलों में जिलाधिकारियों ने इन गृहों में जाकर जांच भी की।
15 से 20 नोटिस के बाद भी नहीं बंद कराया था गृह
मंत्री ने बताया कि देवरिया के इस गृह को बंद कराने के लिए महिला कल्याण विभाग ने 15 से 20 नोटिस डीएम को भेजी थी। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया। डीपीओ ने भी 30 जुलाई को एफआइआर दर्ज कराई थी। सचल पालना गृह में हुए घपले में यह संस्था भी शामिल थी इसलिए महिला कल्याण विभाग ने इसकी ग्रांट बंद कर दी थी। इस गृह को बंद कर इसकी महिलाओं को दूसरे गृहों में भेजने के आदेश दिए जा चुके थे। लेकिन, इस आदेश का पालन जिले के अधिकारी नहीं करा सके। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।