टीवी से लेकर फिल्मी दुनिया तक अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवा चुके जाने-माने अभिनेता शरद केलकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनकी पहचान सिर्फ एक्टर के तौर पर ही नहीं बल्कि एक जबरदस्त वॉइस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर भी होती है. लेकिन कम लोग जानते होंगे कि शरद को पहले बोलने में काफी दिक्कत होती थी. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी। शरद ने धीरे-धीरे इस कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और आज लाखों दर्शक उनकी आवाज़ के कायल हैं। शरद ने कैसे लंबा सफर तय करके, इन सारी चीजों से खुद को उभारा, आइये जानते हैं बातचीत के इस अंश में…
सवाल : आपका ‘लाइफ चेंजिंग’ मूमेंट क्या था और इसका श्रेय आप किसको देना चाहेंगे?
शरद : लाइफ चेंजिंग मूमेंट की बात करें, तो बेशक जब घर की लक्ष्मी मेरी वाइफ कीर्ति घर आईं वो रहा. इसके बाद फिल्म ‘रामलीला’ का मेरी लाइफ पर काफी असर पड़ा क्योंकि यह एक ऐसा समय था जब लोगों को विश्वास हो चुका था कि एक टीवी एक्टर भी फिल्मों में अच्छा काम कर सकता है. छत्रपति शिवाजी महाराज का रोल भी इनमें से ऐसा है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।
सवाल : ‘बाहुबली’ को आवाज देना हो या ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ का किरदार निभाना, क्या ज्यादा मुश्किल रहा आपके लिए?
शरद : एक परफॉर्मर के तौर पर बात करूं, तो मैं एक्टिंग के हर रूप को पसंद करता हूँ फिर चाहे वो डबिंग करना हो या कोई किरदार निभाना, तो दोनों ही मेरे लिए थोड़ा मुश्किल रहा. इसलिए मैं किसी एक को चुन नहीं सकता।
सवाल : आपने एक इंटरव्यू में कहा था कि पहले आपको बोलने में दिक्कत आती थी… जिन लोगों को ऐसी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है, वे इससे कैसे उभरे?
शरद: जी! मैं हकलाता था पहले। उसको छुपाने के लिए बहुत जल्दी-जल्दी बोलता था. और ये आदत बड़े होने तक मेरे साथ रही. फिर जब एक्टिंग करने की बारी आती थी, तो यह समस्या दिक्कत करने लगी। इस पर मैंने मेरे दोस्तों ने काफी होमवर्क किया। दरअसल मुझे ब्रीथिंग का इशू भी था, तो मैंने उसे ठीक किया और मेरा हकलाना बंद हो गया। जो बच्चे हैं जो हकलाते हैं, वे निराश न हों. अभिभावक और उनके दोस्त ऐसे लोगों का सहयोग करें उन्हें चिढाएं न, इस चीज से उभरने में उनका साथ जरूर दें।
सवाल : आपका फेवरेट वॉइस ओवर आर्टिस्ट (बॉलीवुड और हॉलीवुड) में कौन है?
शरद: अगर आप आवाज़ की बात करें, तो मुझे अमिताभ बच्चन जी की आवाज़ बेहद पसंद हैं. वहीं वॉइस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर मुझे निनाद कामत जी की आवाज़ पसंद है। वो एक एक्टर भी हैं। इनके अलावा विराज आधव भी मुझे काफी पसंद हैं।
सवाल : आपने कब निर्णय किया कि अब आपको फिल्मों की तरफ बढ़ना चाहिए?
शरद: जब मुझे लगा कि काम के तौर पर मुझे वो संतुष्टि नहीं मिल रही है जो आपको अलग-अलग किरदार करके मिलती हैं, तो मैंने फिल्मों में जाने का सोचा और भगवान की कृपया से मेरा निर्णय सही साबित हुआ। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री का भी शुक्रगुजार हूँ मैं, जिसने मुझे खुद को साबित करने का मौका दिया।
सवाल : बाहुबली में आपकी आवाज़ को लाखों लोगों का प्यार मिला, आपकी आवाज़ के पीछे का कोई सीक्रेट या रेमेडी?
शरद: नहीं! जैसे कि मैंने पहले बताया कि मुझे ब्रीथिंग का इशू था, तो मैंने उसको ठीक किया। जहां तक बात रही आवाज़ की, तो जैसे सबकी 16-17 साल में आवाज़ बदलती है वैसे ही मेरी भी हुई, लेकिन हां वॉइस को कंट्रोल करने के लिए अनावश्यक चीजों व ठंडा पानी, बर्फ़ इन सब चीजों से मैं परहेज़ करता हूं।
सवाल : लॉकडाउन का आपकी लाइफ पर क्या असर पड़ रहा है, इस वक्त में फैंस के लिए कोई संदेश?
शरद : निजी तौर पर बात करूं, तो मैं काफी वर्काहॉलिक हूं, तो काम नहीं हो पा रहा है, लेकिन मैं हर चीज के लिए काफी पॉजिटिव रहा हूं. मैं यही सोचता हूं कि ये एक ब्रेक जैसा है जिस तरीके से मैं तेज भाग रहा था। परिवार के साथ अच्छा टाइम बीत रहा है। हर छोटे से छोटे इंसान की अहमियत मालूम चल रही है। फैंस से यही कहना चाहूंगा कि टीवी शोज से लेकर सीरीज, फिल्मों तक जितना आपने मुझे प्यार दिया, मैं उतनी ही ईमानदारी और लगन से काम करता रहूंगा। इसलिए जितना आप लोगों ने प्यार, सम्मान दिया उससे कहीं ज्यादा प्यार दें जिससे मैं और अच्छा काम कर सकूं।
(चारु खरे से शरद केलकर की फ़ोन पर हुई बातचीत के आधार पर)