लखनऊ : राघवेन्द्र प्रताप सिंह: कोरोना संकट काल मे लॉक डाउन के चलते देश मे कल कारखाने बंद होने से अन्य राज्यों से अपने घर ( राज्य ) लौट रहे मजदूरों की समस्या राज्य सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। उत्तर प्रदेश के अंदर प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के साथ कई दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं। इन मामलों में सड़क पर कई श्रमिकों की जाने भी गयी है और कई श्रमिक गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। मृतक के परिवार जनों को व घायलों को मुख्यमंत्री द्वारा आर्थिक मदद भी दिया गया। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपत्ति और मजबूरी में सड़कों पर जान दे रहे इन मजदूरों के प्रति पूरी संवेदना दिखाते हुए, इन्हे समझाने, जागरूक करने और रोकने के निर्देश दे रहे हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को भोजन,पानी व जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराये जाने के आदेश भी जारी किये हैं।
इसी के साथ मुख्यमंत्री यह भी चाहते हैं कि अधिकारी ऐसी व्यवस्था करें कि राज्य के बाॅर्डर क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी कामगार और श्रमिक पैदल, मोटरसाइकिल, डाला, ट्रक आदि अवैध तथा असुरक्षित वाहनों से न आने पाए। अलवर राजस्थान से चुने लदे ट्रक में आ रहे मजदूरों की औरैया में सड़क दुघर्टना में मौत के बाद और भी सख्त कदम मुख्यमंत्री ने उठाते हुए मोटरसाइकिल,ट्रक, डाला या अन्य असुरक्षित वाहनों से मजदूरों के आने पर सख्ती बरतने का भी निर्देश दिया। बॉर्डर पर ही उन्हें बस के द्वारा भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया।
उपरोक्त सभी निर्देशों में मुख्यमंत्री की मजबूर, परेशान हाल, विपत्ति के मारे, थके हारे और भूखे प्यासे प्रवासी श्रमिकों के प्रति संवेदना सर्वोपरि है।पुलिस को ‘जागरूक करके रोकने’, सीमा में प्रवेश करने पर ‘भोजन पानी की व्यवस्था करने’, और इन सब बातों के आगे बाॅर्डर क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बस रखने के आदेश मुख्यमंत्री द्वारा दिये जाना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को बस से भेजने के लिए धनराशि भी स्वीकृत की गई है।
श्रमिकों के कौशल को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन श्रमिकों को प्रदेश में ही कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण सहित , नर्सरी, कामन सर्विस सेंटर व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए नई स्टार्ट अप नीति बना कर प्रदेश में ही इन्हें रोजगार देकर एमएसएमई के तहत इन्हें स्वावलंबी बनाने का भी निर्देश दिया है। वर्तमान में नरेगा में लगे श्रमिकों के अलावां बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में 2348 श्रमिक और 625 इंजीनियर्स के रूप में काम शुरू करा कर रोजगार से जोड़ दिया गया है। श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार देने के लिए योगी सरकार एक वेबसाइट का बना कर सबको रोजगार देने के तरफ आगे बढ़ रही है।
अभी तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों व बसों से 21 लाख श्रमिक यूपी पहुंच चुके हैं। जिसमे दो लाख श्रमिक अकेले गोरखपुर पहुंचे जो आने आप मे एक रिकॉर्ड है।
श्रमिकों कामगारों, की समस्याओं को संवेदनशीलता भरे निर्देशों के क्रम में ही हल किया जा सकता है, इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें जागरूक करने, भोजन-पानी देने और बार्डर के हर जिले में मौजूद बसों से घर भिजवाने जैसी बात कही है ।