‘मैंने ईश्वर को नहीं देखा लेकिन ईश्वर के रूप में मोदीजी को देखा है’

जन औषधि योजना के लाभान्वितों ने पीएम को बताया इंसानियत का खिदमतगार
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के लाभान्वितों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भगवान से करते हुए उन्हें इंसानियत का खिदमतगार करार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को जन औषधि दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के चुनिंदा जनऔषधि केंद्रों के संचालकों और लाभान्वितों से संवाद किया। इस दौरान देश के दूरराज इलाकों में रहने वाले लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जन औषधि योजना के शुरू होने से उनकी गंभीर बीमारियों की दवाइयों का खर्च पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। इससे उन्हें परिवार चलाने में मदद मिल रही है।

इस दौरान उत्तराखंड की लकवा पीड़ित दीपा शाह ने प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान बताया कि उसे 2011 में लकवा हुआ था। वह बोल नहीं पाती थी। उनके पति भी दिव्यांग हैं। ऐसे में महंगे इलाज के साथ-साथ घर चलाना काफी कठीन होता था। जब प्रधानमंत्री मोदी की जन औषधि योजना का पता चला तो उन्होंने जेनरिक दवाइयां लेनी शुरू कर दी। इससे उनका दवाइयों का खर्च पांच हजार से घटकर महज 1500 रुपये रह गया। इसके बाद दीपा ने भावुक होते हुए कहा, ‘मैंने ईश्वर को नहीं देखा लेकिन ईश्वर के रूप में मोदी जी को देखा है।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने भी उनकी काफी मदद की। इस पर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि आपने अपनी हिम्मत से बीमारियों को परास्त किया है। आपका हौसला सबसे बड़ा भगवान है। उसी वजह से आप संकट से बाहर निकल पाईं। आपको मन में विश्वास रखना चाहिए कि अब आप स्वस्थ हैं।

मोदी ने जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता को लेकर लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि इन दवाओं से दीपा ठीक हुईं। यह प्रमाण है कि यह दवाइयां अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद किसी भी दवा से किसी भी मायने में कम नहीं है। इस दौरान दिल को छू लेने वाला एक और वाकया आया जब कश्मीर के नागरिक गुलाम नबी डार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंसानियत का खिदमतगार बताते हुए कहा कि इस योजना से उनका दवाइयों पर खर्च कम हो गया है। उन्होंने इस योजना को गांव-गांव तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस योजना से 10 हजार रुपये में मिलने वाली दवाइयां एक हजार में मिल रही हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com