पूछताछ में आरोपित हेमंत ने बताया कि वह वर्ष 2016 में राजधानी आया था। एक कंपनी में काम करने के बाद वर्ष 2017 में उसने सिया वीजन इंफ्रा डेवलपर्स नाम की अपनी कंपनी बनाई थी, जो साइबर हाइट्स में थी। आरोपित वेबसाइट और एजेंटों के माध्यम से प्रचार कराया कि कंपनी को विभिन्न योजनाओं के टेंडर मिले हैं। इसके बाद कई कंपनियों ने उससे संपर्क किया। आरोपित ने पशुधन बीमा योजना के सर्वे के नाम पर प्रति जिला डेढ़ लाख रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छ पेयजल योजना के सर्वे के लिए पांच रुपये सिक्योरिटी मनी जमा कराया। महज एक साल में आरोपित के खाते में 10 करोड़ रुपये जमा हो गए। सर्वे के बाद कंपनियों को जब पेमेंट नहीं मिला तो उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे, जिसके बाद आरोपित ऑफिस बंद कर भाग निकला था। आठ माह बाद आरोपित ने मामला शांत होने के बाद दोबारा काम शुरू किया था, जिसके गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकारी योजनाओं में टेंडर दिलाने के नाम पर 15 करोड़ ठगे, एटीएस ने दबोचा
लखनऊ : स्पेशल टास्ट फोर्स (एसटीएफ) ने केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले हमेंत कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है। आरोपी मूल रूप से बलिया का रहने वाला है, जबकि इस समय गाजीपुर के अवध अपार्टमेंट में रहता था। एसटीएफ ने आरोपी के पास से भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेजों को बरामद किया है। आरोपी के खिलाफ प्रतापगढ़ के लालगंज थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी, जिसकी पुलिस तलाश कर रही थी। एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया कि आरोपी हमेंत कुमार मिश्रा राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छ पेयजल योजना, वन नेशन वन कार्ड, अटल ज्योति योजना व फास्टैग समेत सरकार की अन्य कई कल्याणकारी योजनाओं व फिनो पेमेंट बैंक के टेंडर दिलाने का झांसा देता था। आरोपी टेंडरों के फर्जी कागज बनाकर बेबसाइड के माध्यम से प्रचार करता था। इसके बाद कंपनियों को झांसे में लेकर उनसे मोटी रकम हड़प लेता था।
एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्रतापगढ़ के लालगंज थाने में मेसर्स इंद्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी के राज भानु प्रताप सिंह ने आरोपित के खिलाफ जालसाजी की एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोपी हेमंत ने पीड़ित से सिक्योरिटी के नाम पर 30 लाख 50 हजार रुपये हड़प लिए थे।