उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि प्राकृतिक आपदा से त्रस्त किसान की फसल के नुकसान का आकलन कितना सही-गलत होता है। इसमें लाल फीताशाही की देरी भी लगती है। गरीब किसान को अपनी फसल का मुआवजा समय से मिले तो उसे राहत भी मिले पर भाजपा सरकार तो चाहती ही नहीं है कि किसानों का भला हो। किसान भी भाजपा के इन हथकंडो से परिचित हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने पहले फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने की घोषणा की थी, वह तो दूर उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाया। गन्ना किसान के बकाये पर 14 दिनों बाद ब्याज मिलना था, वह किसी को नहीं मिला। किसान की आय दोगनी करने का फार्मूला भी अभी तक सामने नहीं आया है। कृषि अर्थव्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है।
अंतरिम राहत की बजाय फसल नुकसान के आकलन का बहाना ढूंढ रही योगी सरकार -अखिलेश
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बारिश-ओलावृष्टि के दौरान किसानों को अंतरिम राहत देने के बजाय बहाने करने का आरोप लगाया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में किसान तो पहले से ही परेशानियों से घिरा था आज बेमौसम की बरसात के साथ हुई भीषण ओलावृष्टि से उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी गेहूं, सरसों, मटर, चना की फसल चौपट हुई है। आम के बौर टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में कारपोरेट होने के कारण किसान, गरीब पर उनका ध्यान नहीं जाता है। ओलावृष्टि की आपदा पर राज्य सरकार का रवैया उदासीन और उपेक्षापूर्ण है। बजाय तुरन्त किसान की अंतरिम राहत देने के भाजपा सरकार फसल को हुए नुकसान के आकलन का बहाना ढूंढ रही है।