एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटियाला हाउस कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर आठ अक्टूबर तक रोक लगा दी है. गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील की ओर से 31 जुलाई को कार्ति की जमानत पर सुनवाई के वक्त चार्जशीट पर संज्ञान लेने की मांग की गई थी.
जानकारी के अनुसार पटियाला हाउस कोर्ट ने एक बार फिर पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम पर रोक लगा दी है. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सजा पर आठ अक्टूबर तक रोक लगा दी है. एयरसेल-मैक्सिस मामला वर्ष 2006 में ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेस लिमिटेड को एयरसेल में निवेश करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से अनुमति दिलाए जाने से जुड़ा है.
क्या थी एयरसेल-मैक्सिस डील
– मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक एक बिजनेस टॉयकून टी आनंद कृण्णन के पास है, जिन्हें टैक नाम से भी जाना जाता है. टैक श्रीलंका की तमिल पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले एक मलेशियाई नागरिक हैं.
– एयरसेल को सबसे पहले एक एनआरआई टॉयकून सी सिवसंकरन (सिवा) ने प्रमोट किया था, जो कि तमिलनाडु के मूल निवासी थे.
– साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी. बाकी की 26 फीसदी हिस्सेदारी अब एक भारतीय कंपनी, जो कि अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप से संबंधित है के पास है।
– इन 26 फीसदी शेयर का मालिकाना हक सुनीता रेड्डी के पास है जो कि अपोलो के ग्रुप फाउंडर डॉ सी प्रताप रेड्डी की बेटियों में से एक हैं.
– ये डील उस वक्त विवादों के घेरे में आ गई, जब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला उजागर हुआ. तब देश के सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वो इस मामले में ए राजा के पूर्ववर्ती मंत्रियों की जांच करे.