एसआईटी जांच में शिकायत सही मिलने पर सीएम योगी ने की कार्रवाई
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आजम खां की मुश्किलें और बड़ा दी है। योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के शासन काल में हुई जल निगम की 1118 भर्तियां रद कर दी हैं। ये सभी वर्तमान में जल निगम में तैनात थे। एसआईटी की जांच में शिकायतें सही पाए जाने के बाद सरकार ने सोमवार देर रात यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि सपा सरकार में शहरी विकास मंत्री के पद पर रहते हुये आजम खां ने उत्तर प्रदेश जल निगम में ये नियुक्तियां की थीं। इसके तहत 853 जूनियर इंजीनियर एवं 335 लिपिक भर्ती किये गये थे। भर्ती के दौरान कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि मैरिट लिस्ट में उनका नाम ऊपर होने पर उनका चयन नहीं हुआ था। हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। अब एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद सोमवार देर रात राज्य की योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य अभियंता आईके श्रीवास्तव ने जेई व लिपिकों की भर्तियों को रद्द करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि लिपिकों को अब तक दिए गए वेतन-भत्ते आदि की वसूली नहीं की जाएगी। एसआईटी ने अपनी जांच में कहा है कि परीक्षा कराने वाली मुंबई की एजेंसी एपटैक लिमिटेड ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत परीक्षा से संबंधित सभी डाटा नष्ट कर दिया है। उसने सहायक अभियंता, अवर अभियंता और नैत्यिक लिपिक की परीक्षा को रद्द करने की संस्तुति भी की थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 18 जून 2016 को जल निगम ने लिपिक व आशुलिपिक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया। जिसके मुताबिक 335 लिपिक व 63 आशुलिपिक पदों पर लिखित परीक्षा पांच से सात अगस्त 2016 के बीच मुंबई की मेसर्स एपटैक कंपनी ने आयोजित की थी। कम्प्यूटर बेस्ड डाटा में सामान्य रूप के परीक्षा के तुरंत बाद आंसर सीट को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है ताकि अभ्यर्थी अपनी आपत्ति दे सकें, परंतु लिखित परीक्षा के बाद वेबसाइट पर आंसर सीट को अपलोड नहीं किया गया। अंतिम परिणाम 24 दिसंबर 2016 को जारी किया गया, जिसमें आशुलिपिक पदों के लिए टाइप परीक्षा में कोई अभ्यर्थी सफल नहीं होने के कारण परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया गया था।