सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इन्दौर की परियोजना के लिये 237 करोड़ स्वीकृत
स्टेट एलाइड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट के लिये 113 पद सृजन का निर्णय
भोपाल : मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली 15 ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनाओं को स्वीकृति दी गयी। इन जलप्रदाय योजनाओं की कुल अनुमानित लागत 7854 करोड़ 68 लाख रुपये है। इन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर 13 जिलों के 4022 गाँव को घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध होगी। मंत्रि-परिषद ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इन्दौर की परियोजना के लिये 237 करोड़ और 970 नये पद का सृजन कर दो चरणों में भर्ती करने के लिये प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। बैठक में चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में ‘स्टेट एलाइड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट जबलपुर’ की स्थापना के लिये 54 पद तथा इन्दौर चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित ‘स्टेट एलाइड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट इन्दौर’ के संचालन के लिये 59 पदों का सृजन स्व-वित्त पोषित संस्थाओं के अंतर्गत करने की मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी एसएमएचए) का गठन करने का निर्णय लिया। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के तहत प्राधिकरण के गैर सरकारी सदस्यों के चयन एवं नियुक्ति के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अधिकृत किया गया। प्राधिकरण में 9 शासकीय और 11 अशासकीय सदस्य होंगे। वहीं प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी को देखते हुये हर संभाग में एक मानसिक स्वास्थ्य रिव्यू बोर्ड का भी गठन करने का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से स्वीकृत 500 करोड़ रूपये की नगद साख सुविधा प्राप्त करने के लिये शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का निर्णय लिया। कंपनी द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी फीस का भुगतान करना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को मंत्रिपरिषद ने एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़, विधानसभा उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी। बैठक में प्रदेश में दिव्यांगों के सामाजिक पुनर्वास तथा नि:शक्तता के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं व संस्थाओं को प्रोत्साहित करने एवं मान्यता देने के उद्देश्य से दिव्यांगता की चारों श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को प्रत्येक श्रेणी में दो-दो लाख रुपये संस्थागत पुरस्कार तथा व्यक्तियों को प्रत्येक श्रेणी में एक-एक लाख रुपये व्यक्तिगत पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय लिया गया।