समारोह का शुभारम्भ विश्व शान्ति एवं ईश्वरीय एकता का सन्देश देती ‘सर्व-धर्म एवं विश्व शान्ति प्रार्थना’ से हुआ, जिसके माध्यम से विद्यालय के छात्रों ने सभी के हृदयों को प्रभु प्रेम से सराबोर कर दिया। इसके उपरान्त, छात्रों ने विभिन्न प्रकार के लोकगीत, गीत-संगीत, एरोबिक्स आदि की अनेकानेक शानदार प्रस्तुतियों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया एवं सभी ने छात्रों की प्रतिभा की दिल खोलकर प्रशंसा की। इन रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों ने विश्व एकता व विश्व शान्ति का जयघोष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया तथापि ‘वर्ल्ड पार्लियामेन्ट’ की प्रभावशाली प्रस्तुति से अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक व्यवस्था की स्थापना हेतु ”विश्व संसद“ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन ही है, अतः बचपन में ही सुदृढ़ नींव रखी जानी चाहिए। डा. गाँधी ने आगे कहा कि शिक्षा एक सतत् और रचनात्मक प्रक्रिया है। बच्चों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर उनके व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास ही शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है। सी.एम.एस. एक अलग तरह का स्कूल है जो बच्चों को अन्दर से मजबूत और बाहर से आकर्षक बनाता है जिससे वे 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना बहादुरी से कर सकें। सी.एम.एस. महानगर कैम्पस की प्रधानाचार्या डा.कल्पना त्रिपाठी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि बालक को ‘समाज एवं विश्व का प्रकाश’ बनाने हेतु ईमानदारी से प्रयास करें एवं इस लक्ष्य को हासिल करने में ऐसे आयोजन मील का पत्थर साबित होंगे। डा. त्रिपाठी ने जोर देते हुए कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने को दृढ़-संकल्पित हैं।