लखनऊ/ एटा : केरोना वायरस के कारण चीन के बुहान शहर में बीते 22 जनवरी से अपने विश्वविद्यालय के आवास में अपनी पत्नी के साथ फंसे एटा के प्रोफेसर धीरेन्द्र यादव की गुरुवार को स्वदेश वापसी हो सकती है। वे भारत द्वारा औषधियां लेकर गये जहाज में वहां फंसे 130 अन्य भारतीयों के साथ स्वदेश आएंगे। इस बीच भारत सरकार की पहल पर चीन सरकार द्वारा उन्हें चावल, सब्जियों सहित 15 लीटर पानी की आपूर्ति भी कर दी गयी है। एटा के जलेसर निवासी 35 वर्षीय आशीष यादव बुहान स्थित टेक्सटाइल विश्वविद्यालय में ऐसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। वे यहां यूनिवर्सिटी कैम्पस में स्थित अपार्टमेंट में रहते हैं। वे बीते नवम्बर 2019 में अपनी पत्नी नेहा यादव के साथ वहां गये थे। इन्हें 1 फरवरी को भारत लौटना था। आशीष इस अपार्टमेंट में वे 22 जनवरी की रात से बंद हैं। उनके साथ उनकी पत्नी नेहा यादव भी हैं।
लेजरस्पेट्रोस्कोपी विशेषज्ञ आशीष बीते 12 वर्ष से विदेश में हैं। इससे पूर्व वे अमेरिका में फिजिक्स की पढ़ाई, इटली से पीएचडी करने के बाद बीते 5 वर्ष से चीन में नौकरी कर रहे हैं। आशीष यादव का नाम बीते दिनों भारत सरकार द्वारा चीन से भारत लाये गये नागरिकों की सूची में भी था। किन्तु वे जिस स्थान पर रह रहे हैं वहां से एयरपोर्ट की दूरी 400 किमी होने तथा प्रतिबंधों के चलते आवागमन बंद होने के कारण उस समय भारत नहीं लौट सके थे। आशीष को भारत लाने के लिए राज्यसभा सांसद हरनाथसिंह यादव व आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने विशेष प्रयास किये। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा की गयी पहल के बाद चीन सरकार ने इन भारतीयों की स्वदेश वापसी की रजामंदी दी है। धीरेन्द्र यादव के पिता भंवरसिंह व मां सरोज ने भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है। वहीं कहा है कि उन्हें असली खुशी तो धीरेन्द्र व नेहा को अपने सामने देखकर ही मिलेगी।