काशी विश्वनाथ के आदेश पर बना था बाबा का शिवलिंग
बलिया : आधुनिक बलिया शहर की शान बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर बागी धरती के लोगों के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। शहर में विराजमान बाबा बालेश्वरनाथ के बारे में कहा जाता है कि उनका शिवलिंग स्वयं काशी विश्वनाथ ने अपने एक भक्त साधू को आदेश देकर मिट्टी व बालू से बनवाया था। शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित बाबा बालेश्वरनाथ का मंदिर वर्तमान में भव्य रूप धारण कर चुका है। हालांकि बहुत कम लोग जानते होंगे कि बाबा बालेश्वरनाथ जी का यह मंदिर तीसरी बार स्थापित है। इसके पहले दो बार बाबा का मंदिर पतित-पावनी गंगा में समाहित हो चुका है। बावजूद इसके बाबा का शिवलिंग सुरक्षित रहा और आज यह बलिया समेत समूचे जगत में आस्था का केंद्र बना हुआ है।
बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक अजय चौधरी बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। किमवदंती है कि वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ के दर्शन करने एक साधू महाराज रोज आया करते थे। आयु बढ़ने और बीमारी के कारण उनका शरीर इस हालत में नहीं रहा कि वे बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आ सकें। वे बैठकर रो रहे थे। यह जानकर एक दिन बाबा विश्वनाथ स्वयं प्रकट हुए और उस साधू को आदेश दिया कि मिट्टी व बालू से एक शिवलिंग बना कर पूजा करें। वह साधू महाराज मिट्टी व बालू से शिवलिंग का निर्माण कर पूजन करने लगे। इसके कुछ वर्षों बाद बाढ़ में साधू का वह शिवलिंग बह गया।
अजय चौधरी ने बताया कि इस बीच बलिया शहर के निवासीे मेरे परिवार के लक्ष्मी चौधरी को गंगा स्नान करते गोद में वही शिवलिंग मिल गया। जिसे उन्होंने गंगा किनारे एक मड़हा डालकर स्थापित किया और रोजाना जलाभिषेक करने लगे। कुछ वर्षों बाद फिर भीषण बाढ़ आयी तो पूरा शहर विस्थापित हो गया। जिसके बाद अंग्रेज हुकूमत ने गंगा से उत्तर दिशा में आधुनिक शहर सुनियोजित तरीके से बसाया। गंगा से अभी जिस स्थान पर बलिया शहर है, वहीं पर लक्ष्मी चौधरी ने अपनी जमीन बाबा बालेश्वरनाथ के मंदिर के लिए दान में दे दी। जहां लच्छू और बिलर नाम के भाईयों ने 1901 में वर्तमान में दिख रहा मंदिर बनाया। तभी से यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का मुख्य केंद्र बना हुआ है। यहां पूजन-अर्चन को फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि श्रद्धा से मांगी गई हर मुराद बाबा बालेश्वरनाथ पूरी करते हैं। यही वजह है कि प्रतिदिन यहां हजारों श्रद्धालु बाबा को जलाभिषेक करने आते हैं।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद स्थानीय सांसद भरत सिंह ने जिले के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। इस पर केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर, कारो स्थित कामेश्वरनाथ मंदिर व शहर स्थित महर्षि भृगु मंदिर समेत कई अन्य प्राचीन जगहों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही थी। जिससे उम्मीद बंधी है कि शहर के इन प्राचीन स्थलों के दिन बहुरेंगे।