पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया नया डेथ वारंट
नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश जारी किया है। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपा। सरकारी वकील राजीव मोहन ने कोर्ट को बताया कि चार दोषियों में से तीन ने सभी कानूनी विकल्प आजमा लिया है। आज की डेट में कोई भी याचिका लंबित नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को सात दिनों का समय दिया था। राजीव मोहन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भी जानकारी कोर्ट को दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रिजन रूल्स के मुताबिक दया याचिका खारिज किए जाने के बाद जेल प्रशासन को डेथ वारंट के लिए कोर्ट में याचिका दायर करना होता है। इसलिए जेल प्रशासन ने ये याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ट्रायल कोर्ट मेरिट के आधार पर फैसला कर सकता है।
वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि दोषी मुकेश उन्हें अब वकील नहीं रखना चाहता है। कोर्ट ने बताया कि दोषी विनय भूख हड़ताल पर है। तब वकील एपी सिंह ने कहा कि वह खाना नहीं खा पा रहा है। दोषी पवन के वकील रवि काजी ने कहा कि उन सात दिनों में उनका वकील उनसे मिलने नहीं आया, जिसकी वजह से वो कोई कानूनी विकल्प नहीं आजमा पाया। काजी ने कहा कि पवन ने पहले से वकील कर रखा था इसलिए उसे लीगल ऐड भी नहीं दिया गया। काजी ने कहा कि पवन क्युरेटिव पिटीशन और दया याचिका दाखिल करना चाहता है। तब वृंदा ग्रोवर ने कहा कि किसी भी वजह से अगर वह मुझे वकील नहीं रखना चाहता है तो मुझे डिस्चार्ज किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि जेल रिपोर्ट के मुताबिक शुरु में दोषी विनय ने कहा था कि वह 11 फरवरी से भूख हड़ताल पर है लेकिन उसने 12 फरवरी की शाम 3 बजे से खाना खाना शुरु किया। जेल प्रशासन नियमों के मुताबिक उचित ध्यान रखें। मुकेश की मां ने कोर्ट से दूसरा वकील रखे जाने की मांग की। मुकेश की मां ने कहा कि वो चाहती है कि उसे फांसी की सजा उम्रकैद में बदली जाए। तब वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अगर मौत की सजा पाया व्यक्ति कहता है कि वो हमें नहीं चाहता है तो मेरे लिए ये पेशागत ठीक नहीं होगा कि मैं उसकी ओर से वकील रहूं। कोर्ट ने वकील वृंदा ग्रोवर के काम की सराहना करते हुए कहा वकील वृंदा ग्रोवर को डिस्चार्ज कर दिया। कोर्ट ने मुकेश के लिए वकील रवि काजी को नियुक्त किया।