‘प्रभु श्रीराम’ से सपा प्रमुख के नफरत को बहुसंख्यक समाज माफ नहीं करेगा : मनीष शुक्ला
अखिलेश की सभा में ‘जय श्रीराम’ बोलने वाले युवक की पिटाई पर भाजपा प्रवक्ता की प्रतिक्रिया
लखनऊ : किसी व्यक्ति या पार्टी को दूसरी पार्टी के विचारों से मतभेद हो सकता है लेकिन करोड़ों-करोड़ों के आराध्य प्रभु राम से नफरत उनकी बहुसंख्यक वर्ग के प्रति घृणा को दर्शाता है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इतना हद तक गिर गये हैं कि उन्हें ‘जय श्रीराम’ बोलने वाले व्यक्ति से डर लगने लगा है। उसे अपने कार्यकर्ताओं से पीटवा भी दिया। आखिर भाजपा के विरोध में बोलते-बोलते वे हिन्दू धर्म के अपमान पर भी उतर आये। इसे कभी समाज माफ नहीं कर सकता। ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने रविवार को कही। वे कन्नौज में शनिवार को एक युवक द्वारा ‘जय श्रीराम’ बोलने के बाद अखिलेश यादव द्वारा आग बबूला होने पर रविवार को प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कह सकते थे कि भाजपा समर्थक कैसे मेरी सभा में आ गया लेकिन उनका यह शब्द कि रामभक्त कैसे मेरी सभा में आ सकता है? हिन्दू धर्म का अपमान है। उन्हें इस मुद्दे पर आमजन से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के पिता द्वारा कार सेवकों पर गोली चलवाने की घटना अभी जनता भूली नहीं है। अखिलेश भी अब उसी राह पर चल रहे हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी उनके परिवार में किसी के दाह संस्कार होने पर ‘रामनाम सत्य’ ही बोला जाता होगा। क्या वे अब इसे बोलने से लोगों को रोक पाएंगे। मनीष शुक्ला ने कहा कि विपक्ष की बौखलाहट का नतीजा है कि वे भाजपा का विरोध करते-करते धर्म और राष्ट्र का विरोध करने लगे हैं लेकिन उन्हें जनता कभी माफ नहीं कर सकती। पिछली दफा भी जनता ने उन्हें सबक सिखाया और आने वाले चुनाव में भी जनता उन्हें सबक सिखाएगी।