पेरिस में पाकिस्तान दूतावास के बाहर पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (PTM) के संस्थापक मंजूर पश्तीन (Manzoor Pashteen) की रिहाई के लिए प्रदर्शन के बाद अब पश्तूनी कार्यकर्ताओं ने कराची के लोराआलइ (loralai) जिले में शांतिपूर्वक रैलियां निकाली। ये कार्यकर्ता लगातार अपने नेता की रिहाई की मांग कर रहे हैं। बता दें कि पश्तीन को राजद्रोह के आरोप में 27 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले एक महीने से अलग-अलग देशों के पाकिस्तान दूतावास के बाहर पश्तूनी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले लंदन में पाकिस्तान के दूतावास के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने अपने नेता कि रिहाई के लिए प्रदर्शन किया था।
बता दें कि पाकिस्तान में करीब 3 करोड़ पश्तून रहते हैं। फाफी समय से पाकिस्तानी सेना की तरफ से पश्तून लोगों के साथ अत्याचार और बुरा बर्ताव करने की खबरें आती रही रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी आबादी को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले दिनों पाकिस्तान सेना पर मानवाधिकार कार्यकर्ता मंजूर पश्तीन ने निशाना साधा था। इसके बाद पश्तीन को 27 जनवरी 2020 कथित तौर षड़यंत्र रचने और राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी की थी निंदा
इससे पहले मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी पश्तीन की गिरफ्तारी की निंदा की थी। बता दें कि पीटीएम देश के कबाइली इलाकों में पाकिस्तानी सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता रहता है। उनकी मांग है कि पश्तून समुदाय के लोगों की हत्याएं, उन्हें जबरन लापता और गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई जाए।
मंजूर पश्तीन को हो सकती है आजीवन कारावास की सजा
मिली जानकारी के मुताबिक, पश्तीन को राजद्रोह के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। पाकिस्तानी सेना की तरफ से पश्तून लोगों के साथ अत्याचार और बुरा बर्ताव करने के खिलाफ आवाज बुलंद करने करने वाले नेता मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के विरोध में स्वर अब और भी तेज होते दिखाई दे रहे हैं।