लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम आने तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के रडार पर अब सपा भी है। रविवार को संत रविदास जयंती पर मायावती ने ट्वीट किया है।
मायावती ने लिखा कि बीएसपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी सरकार के समय में संत रविदास को विभिन्न स्तर पर पूरा-पूरा मान-सम्मान दिया है। जिसे भी अब विरोधी पार्टियाँ एक-एक करके खत्म करने में लगी है। जो अति निन्दनीय है। कांग्रेस, भाजपा व अन्य पार्टियां यहां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के चलते संत गुरु रविदास जी को कभी भी मान-सम्मान नहीं देती है लेकिन सत्ता से बाहर होने पर फिर अपने स्वार्थ में इनके मन्दिरों व स्थलों आदि में जाकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी जरूर करती है। इनसे सर्तक रहें।
मायावती ने इस दौरान समाजवादी पार्टी को भी जातिवादी मानसिकता वाली पार्टी बताया। बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि बसपा के सत्ता में आने पर भदोही जिले का नाम फिर से संत रविदास नगर रखा जाएगा जिसे जातिवादी मानसिकता के तहत ही पिछली सपा सरकार ने बदल दिया है। सियासी मकसद से एक दूसरे को गले लगाने वाली उत्तर प्रदेश की दो बड़ी सियासी पार्टियों के रास्ते अब अलग हैं। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा लेकिन अब वोट बैंक की तलाश में सबके रास्ते अलग हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अब सपा को जातिवादी मानसिकता वाली पार्टी बताया है।
संत शिरोमणि रविदासजी की 643वीं जयंती के मौके पर मायावती ने एक बयान जारी करके समाजवादी पार्टी को जातिवादी मानसिकता वाली पार्टी बताया है। मायावती का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो उन्होंने भदोही जिले का नाम बदल दिया था। मायावती ने कहा कि संत रविदास की जयंती पर हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारी सरकार ने प्रदेश में संत रविदास पॉलिटेक्निक चंदौली, संत रविदास एससी एसटी प्रशिक्षण संस्थान, वाराणसी में गंगा नदी पर बनने वाले पुल का नाम संत रविदास के नाम, बदायूं में संत रविदास धर्मशाला के लिए बिल्सी में संत रविदास की प्रतिमा स्थापना की स्वीकृति दी थी। इसके अलावा भी और कई कार्य महान सद्गुरु के आदर सम्मान में बीएसपी की सरकार के दौरान किए गए। हम सत्ता में आने के बाद अपने काम पूरे करेंगे।