भारतीय अंडर 19 टीम ने अंडर 19 विश्व कप अब तक सबसे ज्यादा बार यानी कुल चार बार जीता है। अब एक बार फिर से भारत फाइनल में है और उनकी नजर रिकॉर्ड पांचवीं जीत पर लगी है। इस विश्व कप में बांग्लादेश की टीम ने कई बड़ी टीमों को चौंकाते हुए पहली बार फाइनल में जगह बनाई जहां उसका मुकाबला भारत के साथ होगा जो अब तक इस टूर्नामेंट में अपराजेय रही है। भारतीय टीम जिस लय में इस वक्त दिख रही है ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा बनती नजर आ रही है कि ये टीम एक बार फिर से अंडर 19 विश्व कप में पांचवीं बार खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है।
भारत की 2018 की विजेता टीम में पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल थे जो सीनियर टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे तो मौजूदा टीम में यशस्वी जायसवाल, स्पिनर रवि बिश्नोई और तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी हैं जो इस टूर्नामेंट में स्टार बन गए। फाइनल का नतीजा चाहे जो भी निकले, भारत ने अंडर 19 स्तर पर अपना दबदबा स्थापित कर दिया है।
सातवां फाइनल खेलेगी भारतीय टीम : सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 10 विकेट से हराने वाली भारतीय टीम 2000 के बाद सातवां फाइनल खेलेगी जब उसने पहला खिताब जीता था। अंडर-19 स्तर पर सफलता सीनियर स्तर पर कामयाबी की गारंटी नहीं होती क्योंकि सभी खिलाड़ी जूनियर से सीनियर स्तर के बदलाव में लय कायम नहीं रख पाते। उन्मुक्त चंद इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं, जो 2012 में अंडर-19 खिताब दिलाने के बाद सीनियर टीम में जगह नहीं बना सके। हालत यह है कि अब उत्तराखंड की रणजी टीम में भी वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए जूझ रहे हैं। दूसरी ओर शॉ और गिल ने सीनियर स्तर पर भी पहचान बनाई।