मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संदर्भ व हेल्पलाइन की शिकायतों का सही समय और गुणवत्तापरक निस्तारण न होने पर डीएम चंद्रभूषण सिंह बेहद गंभीर हैं। उन्होंने अलीगढ़ में लापरवाह अफसरों को जिम्मेदारी का एहसास कराने का अनोखा तरीका निकाला।
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने इसको लेकर शुक्रवार तड़के चार बजे कैंप कार्यालय पर शिकायत निस्तारण की समीक्षा बैठक बुलाई। इस दौरान करीब एक घंटे तक अफसरों की क्लास लगाई। इसके बाद चेतावनी दी कि तीन दिन में डिफॉल्टर श्रेणी वाली शिकायतें न निपटीं तो फिर आगे भी इसी समय समीक्षा होगी। बैठक से गैरहाजिर रहे जिला विकास अधिकारी तथा नगर आयुक्त सहित अन्य अफसरों का जिलाधिकारी ने एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इन सभी को पत्र भेजकर शीघ्र ही शिकायतों का निस्तारण करने का निर्देश भी दिया है।
अलीगढ़ जिले में यह पहला मौका था, जब तड़के किसी अफसर ने बैठक बुलाई हो। प्रदेश में शिकायतों के निस्तारण में सूबे में अलीगढ़ 49वें नंबर पर है। 250 से अधिक शिकायतें डिफॉल्टर श्रेणी में थीं। शासन से भी इन्हें निपटाने के लिए सख्ती की जा रही थी। चार फरवरी को डीएम ने कलक्ट्रेट में सभी अफसरों की बैठक कर निर्देश दिए थे कि तीन दिन में सभी अफसर शिकायतें निपटा लें। गुरुवार शाम तक जिनकी शिकायतें खत्म नहीं हुईं, उनकी शुक्रवार सुबह चार बजे बैठक होगी, मगर अधिकतर अफसर शिकायतें नहीं निपटा सके। शुक्रवार तड़के चार बजे डीएम के कैंप कार्यालय पर सभी विभागों के जिलास्तरीय अफसरों, एसडीएम व बीडीओ की बैठक हुई।
इस बैठक को लेकर अफसरों में काफी खलबली मची थी। बैठक में आने वाले अधिकारी रात में दो बजे ही जाग गए। इसके बाद इन सभी ने जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय का रुख किया। बैठक में इन सभी को भय था कि फटकार लगेगी, लेकिन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इनको शासन की सभी प्राथमिकता को समय से निस्तारित करने का पाठ पढ़ाया। इसके साथ ही सभी से कहा कि उनका उद््देश्य किसी को परेशान करने का नहीं है। सभी अपने काम को समय से अंजाम दें। जिससे जनता को लाभ मिल सके।