अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कृष्णकांत की पत्नी और बेटे की हत्या के मामले में गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील प्रभावी कोर्ट में शुक्रवार को महिपाल की सजा को लेकर दोनों पक्षों में बहस पूरी हो गई है। कोर्ट महिपाल की सजा पर दोपहर तीन बजे अपना फैसला सुनाएगा।
इस दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अनुराग हुड्डा ने इस जघन्य अपराध के महिपाल को फांसी की सजा देने की मांग की। वहीं, महिपाल की ओर से बचाव पक्ष के वकील प्रेम शंकर शर्मा ने कहा कि यह मामला हत्या का नहीं है बल्कि गैर इरादतन हत्या का है। इसके लिए उन्होंने करीब कोर्ट के 10 फैसलों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने का आग्रह किया।
बचाव पक्ष के वकील प्रेम शंकर शर्मा ने कहा कि अगर वह फैसले से संतुष्ट नहीं हुए तो एडीजे कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील विशाल गुप्ता ने भी कहा अगर एडीजे कोर्ट में महिपाल को फांसी की सजा नहीं होती तो वह भी इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
गौरतलब है कि जज की पत्नी और बेटे की हत्या के मामले में गुरुग्राम की कोर्ट ने 13 महीने बाद गुरुवार को गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी गनर महिपाल को आईपीसी की धारा 302, 201 और ऑर्म्स एक्ट -27 के तहत दोषी दोषी करार दिया था। महिपाल जज कृष्णकांत के गनर के तौर पर उनकी सुरक्षा में तैनात था।
कब हुई थी घटना
जिला अदालत में कार्यरत तत्कालीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत की पत्नी रितु और बेटे ध्रुव 13 अक्टूब 2018 को सरकारी गनर महिपाल के साथ कार में गुरुग्राम के सेक्टर-49 स्थित आर्केडिया मार्किट में खरीददारी करने के लिए गए थे। जब वे खरीददारी कर वापस आए तो सुरक्षाकर्मी महिपाल उन्हें कार के पास नहीं मिला था। काफी देर बाद जब महिपाल आया तो मां-बेटे ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी। इससे गुस्साए महिपाल ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से दोनों के ऊपर गोलियां चला दी थीं, जिससे वे गंभीर रुप से घायल हो गए थे। रितु ने घटना के कुछ घंटे बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जबकि गंभीर रूप से घायल ध्रुव की इलाज के दौरान कई दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई थी।