पीएम मोदी ने डिफेंस एक्सपो-2020 का किया उद्घाटन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की मंडी डिफेंस एक्सपो लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर दिया। इस अवसर पर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहे। सेना के जवानों ने करतब दिखाना शुरू कर दिया है। ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस’ की थीम पर आयोजित हो रहा यह डिफेंस एक्सपो हथियारों की दृष्टि से यह एशिया का सबसे बड़ा ‘बाजार’ राजधानी स्थित वृंदावन योजना के सेक्टर-15 में 43 हजार वर्गमीटर में फैला हुआ है। इसके अलावा आयोजन के कुछ कार्यक्रम गोमती रिवर फ्रंट पर भी होंगे। इस महा समागम में 70 से ज्यादा देशों की 1028 कंपनियां अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन कर रही हैं। इनमें 856 भारतीय और 172 विदेशी कंपनियां हैं। इस पांच दिवसीय डिफेंस एक्सपो में रक्षा सौदों से जुड़े तकरीबन 200 से ज्यादा सहमति पत्र (एमओयू) हस्ताक्षरित होंगे। इस आयोजन का बड़ा फायदा उत्तर प्रदेश से गुजरने वाले डिफेंस कॉरिडोर को होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस एक्सपो के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में मंगलवार देर शाम बताया कि इसमें 70 से अधिक देशों की रक्षा कंपनियां और 39 देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। इसमें अमेरिका, यूके, यूएई, साउथ कोरिया, चेक रिपब्लिक, रूस, मेक्सिको, इजरायल जैसे देश शामिल हैं। रक्षा कंपनियों में प्रमुख रुप से लॉकहिड मॉर्टिन (अमेरिका), साब (स्वीडन), बोइंग (अमेरिका), रोहड एंड श्वार्ज (जर्मनी), रोसोबोरन एक्सपोर्ट्स (रूस), एयरबस (फ्रांस), दसां एविएशन (फ्रांस), यूनाइटेड एयरफ्रॉफ्ट (रूस), सिबत (इजरायल), मैगलन एयरोस्पेस (कनाडा), बीएई सिस्टम्स (यूनाइटेड किंगडम) इस आयोजन में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं। डिफेंस एक्सपो में 500 से अधिक व्यवसायिक बैठकें और 20 से ज्यादा सेमिनार प्रस्तावित हैं।
अफ्रीकी देशों से हो सकता है हथियारों के निर्यात का सौदा
पांच दिन तक चलने वाले इस मेगा इंवेंट में भारत का अफ्रीकी देशों से हथियारों के निर्यात का सौदा भी हो सकता है। इस डिफेंस एक्सपो में 15 से अधिक अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ विशेष कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी पहली बार होने जा रहा है। रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा उत्पादों के निर्यात का सौदा हो सकता है। इसके अलावा अमेरिका और नाइजीरिया से भी रक्षा कारोबार को लेकर कई करार होने की उम्मीदें हैं।