सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा, जेलों में सुधार के लिए क्या किया!

जेलों में रिक्तियों और कैदियों के बोझ से निपटने की तैयारियों पर केंद्र से जवाब तलब

नई दिल्ली : जेल सुधार मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि वो देश भर की जेलों में रिक्तियों और कैदियों के बोझ से निपटने के लिए क्या कदम उठाएगी। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो इस संबंध में जस्टिस अमिताभ राय की रिपोर्ट पर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करें। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम जानते हैं कि जेलों में कैदियों का अतिरिक्त बोझ सीधे-सीधे अदालतों में लंबित मामलों से जुड़ा है। इसलिए हम जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों के मामले से निपटने के लिए कदम उठाएंगे।

25 सितम्बर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने जेल सुधार के मामले पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अमिताभ राय कर रहे हैं। कोर्ट ने इस कमेटी को निर्देश दिया था कि वे समय-समय पर जेल सुधार से संबंधित सुझाव सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें। ये कमेटी देश भर के 1382 जेलों में कैदियों की संख्या ज्यादा होने के मामले को देख रही है। कमेटी जेल में कैदियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अनुशंसाएं करेगी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मानवाधिकार से जुड़ा मामला है। कई कैदी जमानत मिलने के बाद भी जेलों में बंद हैं ।

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