अपराधियों के लिए अब देश की सरकार कई बड़े कदम उठा रही है. इसके लिए ताकिनी सहायता भी लग रही है और पुलिस थाने वाले इस अपर मेहनत भी कर रहे हैं. केंद्र की सरकार ने अब अपराधियों को पहचान के लिए फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान संबंधी डाटा को देश के सभी पुलिस थानों और केंद्रीय प्रणाली से जोड़ने की योजना बना रहा है. गृह मंत्रालय पूरे देश में इस ट्रैकिंग सिस्टम पर काम कर रहा है, जिससे कोई भी अपराधी अब बच नहीं पायेगा. इस ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के साथ चेहरा पहचान प्रणाली और आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग के भी प्रावधान हैं.
जानकारी के लिए बता दें, गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक फिंगरप्रिंट डाटाबेस, चेहरा पहचान सॉफ्टवेयर और आईरिस की स्कैनिंग बड़े पैमाने पर की जाएगी और इतना ही नहीं या जरूरत पड़ने पर नागरिकों के सत्यापन में भी मदद करेगा. हालाँकि UAIDAI ने हाल ही में इस पर बात कही है की आधार कानून के तहत इसका डाटा किसी भी आपराधिक जांच एजेंसी को नहीं दिया जाएगा. इस सिस्टम का लक्ष्य देश भर में सभी पुलिस स्टेशनों को सभी अपराधों और आपराधिक डाटा के साथ जोड़ने का है जो केंद्रीय डाटा बेस के साथ भी जुड़ा हुआ है. इस पर काम ज़ोरों पर हैं और बताया जा रहा है इसका पहला चरण होने के करीब है.
देशभर में करीब 15,500 पुलिस थानों में से 14,500 थानों को इस ट्रैकिंग सीटें से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा आपको बता दें जमैका की जांच एजेंसी एफबीआई भी इस पर काम कर रही है और इस्तेमाल भी कर रही हैं. उनके डेटाबेस में चार करोड़ से भी ज्यादा फिंगरप्रिंट मौजूद है.