पहले श्रीलंका के खिलाफ 59 रन, फिर जापान के खिलाफ नाबाद 29 रन, उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 57 रन, फिर क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 62 रन, ये स्कोर हैं दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे मौजूदा अंडर-19 विश्व कप में भारत के उभरते हुए बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के। कोई भी इन स्कोर पर गर्व कर सकता है, लेकिन एक इंसान ऐसा है जिसे ये स्कोर संतुष्ट नहीं कर रहे थे और वह इंसान कोई और नहीं, बल्कि यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले ज्वाला सिंह ने यशस्वी से बात की और कहा कि अर्धशतकों से काम नहीं चलेगा, तुम्हें टूर्नामेंट में एक बड़ा स्कोर बनाना है और देखिए, यशस्वी ने पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 105 रन की पारी खेलकर अपने कोच की यह इच्छा भी पूरी कर दी। यशस्वी के इस शतक के बाद ज्वाला भी खुश नजर आए और उन्होंने उनकी इस पारी को 10 में से 10 नंबर दिए।
मैं नर्वस हो जाता हूं- यशस्वी
पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच देखने के लिए ज्वाला सिंह दक्षिण अफ्रीका गए और मैच के बाद उन्होंने दैनिक जागरण से फोन पर खास बातचीत में बताया कि मैंने यशस्वी को नहीं बताया कि मैं मैच देखने आया हुआ हूं, क्योंकि उसने मुझसे मैच देखने आने के लिए मना किया था। उसने कहा था कि आप मैच देखते हो तो मैं नर्वस हो जाता हूं। लेकिन, मैच के बाद उसे पता चल गया और उसने मुझे हाथ दिखाकर इशारा भी किया।
ज्वाला ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल बड़ा मैच होता है और यशस्वी ने बड़ा प्रदर्शन किया है। लेकिन, सबसे बड़ी बात तो यह है कि उसके प्रदर्शन से भारत जीता और फाइनल में पहुंचा। परिस्थितियों को देखते हुए यशस्वी ने बहुत ही अच्छी बल्लेबाजी की। जिस स्तर का यह मैच था उसमें इससे बेहतर प्रदर्शन कोई नहीं कर सकता और उसने गेंदबाजी में भी अपना योगदान दिया।
ये प्रदर्शन आना बाकी था
उन्होंने इस मैच में यशस्वी के शतक लगाने को लेकर कहा कि विश्व कप में यशस्वी का यह प्रदर्शन आना बाकी था, क्योंकि वह अब तक अर्धशतक तो लगा रहा था, लेकिन उसके बाद या तो आउट हो रहा था या फिर उसे शतक पूरा करने का मौका नहीं मिल पा रहा था। मैंने उसे कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पारी को दो भाग में खेलना, पहला भाग अर्धशतक के रूप में और दूसरा भाग उसके बाद आगे का जो भी स्कोर रहे।
यह पूछे जाने पर कि कम स्कोर के बावजूद क्या उन्हें भरोसा था कि यशस्वी शतक पूरा करेगा तो ज्वाला ने कहा कि मुझे पता था कि यदि यशस्वी मैच खत्म करेगा तो वह शतक बना लेगा, क्योंकि उसके पास शॉट हैं, वह कभी भी छक्के मार सकता है। बस यही जरूरी था कि वह समय लेकर खेले और बाद में बड़े शॉट खेले।