पीएम 5 को करेंगे आगाज, बेहद खास होगा एशिया का सबसे बड़ा हथियारों का मेला
लखनऊ : राजधानी में पांच से नौ फरवरी तक चलने वाले डिफेंस एक्सपो पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हैं। लखनऊ में एशिया का सबसे बड़ा हथियारों का मेला अपने आप में बेहद खास होगा। ‘भारत: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र’ थीम पर आधारित इस डिफेंस एक्सपो का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आगाज करेंगे। मंगलवार को अभ्यास सत्र के दौरान सेना ने अपना शौर्य दिखाया। सेना के जवानों ने विभिन्न रक्षा हथियारों से अपने हैरतअंगेज कारनामों के जरिए सभी को हतप्रभ कर दिया। इसके अलावा बैंड ने भी शानदार प्रदर्शन किया। लखनऊ का एक्सपो अब तक सबसे बड़ा होगा। यह लखनऊ में 200 एकड़ से अधिक जमीन पर हो रहा है जबकि चेन्नई में 80 एकड़ पर हुआ था। खास बात है कि डिफेंस एक्सपो को लेकर सबसे ज्यादा लाभ डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मिलने की सम्भावना है। डिफेंस कॉरिडोर के लिए 23 देशी-विदेशी कम्पनी करीब 50 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों के लिए यूपी सरकार के साथ करार कर सकती हैं।
अपने आप में बेहद खास है सुविधाओं से लैस टेंट सिटी
इस डिफेंस मेले में दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। दुनियाभर से आने वाले लोगों के लिए यहां टेंट सिटी बसाया जा रहा है। इसमें 1000 से ज्यादा सुपर डिलेक्स और डिलेक्स टेंट होंगे। टेंट सिटी को आवश्यक सुविधाओं से युक्त किया गया है, इसमें एटीएम, वाई-फाई आदि की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही सेल्फी प्वाइंट भी बनाये गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक यूपी दुनिया में रक्षा निवेश का सबसे आकर्षक हब बनेगा। यूपी में पहली बार होने वाला डिफेंस एक्सपो- 2020 इसका जरिया बनेगा। इसमें फिक्की, सीआईआई, पीएचडी, यूएसआईबीसी, यूएसआईएसपीएफ, एनएसडीसी, डीओएस जैसे संगठनों की तरफ से सेमीनार का आयोजन भी किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सपो में हिस्सा लेने के लिए अब तक 925 कम्पनियों ने पंजीकरण कराया है। देश की 755 कंपनियां इसमें हिस्सा ले रही हैं। इनमें 223 एमएसएमई सेक्टर की हैं। इनमें जमीन खरीदने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। अब तक 65 एमओयू पर सहमति बन चुकी है।
अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल के रक्षा उत्पादों पर होगी नजर
आयोजन स्थल में 8 हेंगर्स लग रहे हैं। इसमें एक हैंगर 1 इंडिया पवेलियन का है। इसमें डिजिटल इंडिया पर फोकस होगा। 3 यूपी के पैवेलियन होंगे। अब तक 135 देशों को न्योता भेजा गया और 70 देशों की कम्पनियों से सहमति मिली। विदेश में भारत के राजदूतों और इंटरनेशनल रोड शो के जरिये भी प्रचार प्रसार किया गया। अमेरिका, रूस, फ्रांस, चेक रिपब्लिक, दक्षिण कोरिया, इजरायल, स्वीडन व ब्रिटेन अपने पैवेलियन में रक्षाउत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण इंटरनेशनल इवेंट हैं। भारतीय रक्षा क्षेत्र में 3000 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयां सम्मिलित हैं। जिनके द्वारा एयरोस्पेस, एवियानिक्स, हार्डवेयर, प्रौद्योगिकी तथा अन्य उपकरण, सरकारी तथा निजी संस्थाओं के द्वारा बनाए जा रहे हैं।
बुन्देलखण्ड में एमएसएमई उद्योगों तथा स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य के विकास को गति देने तथा इसके मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) की क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप बुन्देलखण्ड में एमएसएमई उद्योगों तथा स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में पहले से ही एचएएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आयुध कारखाने कार्यरत हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एचएएल का डिफेन्स रिसर्च एण्ड डेवलेपमेण्ट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) तथा एयरो स्पेस सिस्टम एण्ड इक्युपमेन्ट रिसर्च एण्ड डेवलेपमेण्ट सेन्टर्स (एएसईआरडीसी) तथा आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी बीएचयू जैसे अनुसंधान संस्थान भी कार्यरत हैं।
डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर को लगेंगे पंख
उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी तथा चित्रकूट के चारों ओर 5000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है। जिसमें से 3000 हेक्टेयर क्षेत्र को अधिग्रहण किये जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। कॉरिडोर को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लगभग 290 किमी लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे की योजना बनाई जा रही है जो चित्रकूट को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक आकर्षक रक्षा एवं मैन्युफैक्चरिंग (वैमानिकी) नीति लागू की गयी है तथा निजी मैन्युफैक्चरिंग (वैमानिकी) एवं रक्षा पार्कों के विकास के लिए आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाने का प्राविधान किया गया है।
डिफेन्स कॉरिडोर में निवेश को कई कम्पनियों ने दिखायी दिलचस्पी
डिफेन्स कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत रक्षा उद्योगों की स्थापना के लिए कुल 25 कम्पनियों ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए प्रत्येक द्वारा एक लाख रुपए जमा किया गया है। इसके अतिरिक्त 13 अन्य कम्पनियों ने भी रक्षा उद्योगों की स्थापना के लिए इच्छा व्यक्त की है। इस पहल से उत्तर प्रदेश सरकार को न केवल देश की, बल्कि विश्व की मैन्युफैक्चरिंग (वैमानिकी) एवं रक्षा उद्योग हेतु विश्व स्तरीय विनिर्माण हब की स्थापना करने का अवसर मिलेगा। डिफेंस कॉरिडोर के लिए निवेश प्रस्तावों के लिए यूपी सरकार के साथ करार की बदौलत ढ़ाई लाख रोजगार के अवसर सृजित होने की सम्भावना है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा देश में रहने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उनकी दक्षता परिमार्जित की जा सके और वे प्रदेश के वैमानिकी उद्योग में कार्य कर सकें।