सर्दी के इस मौसम में ठंड का कहर जारी हैं जिसने सभी को अपना शिकार बनाया हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बहुत ज्यादा ठण्ड लगती हैं और सामान्य ठण्ड में भी वे कांपने लगते हैं। ऐसे में आपको इस बात पर गौर करने की जरूरत हैं क्योंकि इसका कारण आपकी सेहत से जुड़ा होता हैं। तो आइये हम बताते हैं आपको इसके बारे में आखिर क्यों कुछ लोगों को ज्यादा सताती है ठंड।
नींद पूरी ना हो पाना
किसी भी कारण से अगर आप पूरी 7 से 8 घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं तो इस स्थिति में अधिक ठंड लगने का अहसास होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर बॉडी को प्रॉपर रेस्ट नहीं मिल पाता है तो वह अपना टेंप्रेचर मेंटेन नहीं रख पाती। नींद पूरी ना होने की स्थिति में मेटाबॉलिज़म स्लो काम करने लगता है, इससे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन कम होता है और अधिक ठंड लगती है।
ब्लड सर्कुलेशन कम होना
शरीर में ब्ल्ड सर्कुलेशन ठीक से ना हो पाना भी हर समय ठंड महसूस होने की वजह होता है। यह स्थिति आमतौर पर डायटबीटीज और हार्ट पेशंट्स में देखने को मिलती है। इसके अलावा मसल्स का स्टिफ होना, जोड़ो में दर्द होना या पेट में क्रैंप्स के साथ दर्द होना भी ठंड लगने की निशानी होती है। इनका कारण भी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से ना हो पाना होता है। इस स्थिति की मुख्य वजह ब्लड की थिकनेस और सही डायट का अभाव होता है।
शरीर में खून की कमी होना
बहुत अधिक डायटिंग करने या फास्ट फूड पर निर्भर रहने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है। इस कारण ज्यादातर बच्चे और टीनेजर्स प्रॉपर न्यूट्रिशन की कमी के चलते एनिमिया के शिकार हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर गर्ल्स में अधिक देखने को मिलती है। शरीर में खून की कमी होने पर भी ठंड अधिक महसूस होती है।
अंडर वेट होना
जिन लोगों का वजन उनकी हाइट और उम्र के हिसाब से नहीं होता है, उन लोगों को भी ठंड अधिक महसूस होती है। इसकी वजह यह है कि बहुत अधिक पतले लोगों में या जो लोग वेट लॉस मिशन पर ऐक्टिव होते हैं उनकी बॉडी में स्टोर्ड फैट अमाउंट कम होता है, जिसे बॉडी एनर्जी और हीट जनरेट करने के लिए इस्तेमाल करती है। यह फैट ना मिलने पर बॉडी अपनी जरूरत के हिसाब से हीट नहीं जनरेट कर पाती और आपको अधिक ठंड महसूस होती है।
हाइपोथाइरॉइडिज़म
शरीर में हॉर्मोन की गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार होती है हाइपोथाइरॉइडिज़म की स्थिति। यह एक हॉर्मोनल डिसऑर्डर है। इस स्थिति में बॉडी में हॉर्मोन्स का उत्पादन उतनी मात्रा में नहीं हो पाता है, जितनी बॉडी को जरूरत होती है। इसके चलते मेटाबॉलिज़म बॉडी टेम्प्रेचर मेंटेन नहीं कर पाता है और आपको ज्यादा ठंड लगती है।