विश्व में मुंह के कैंसर से पीड़ित लोगों में से एक तिहाई भारत में

पिछले कुछ सालों में जिस रफ्तार से कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ी है उसी गति से इलाज के तरीके भी ढूंढे जा रहे हैं। अब कैंसर लाइलाज नहीं रहा। कुछ पीड़ितों की जिजीविषा ने उन्हें नई जिंदगी दी, तो काफी हद तक इलाज के बढ़ते कदम जीवन संचार के ऑक्सीजन बने।

एनआइसीपीआर (राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम व शोध संस्थान) के आंकड़ों के मुताबिक ल्यूकेमिया से पीड़ित करीब 85 और लिम्फोमा कैंसर के 90 प्रतिशत मरीजों की स्थिति में सुधार हुआ। अब वो बाकी लोगों की तरह साधारण जीवन बिता रहे हैं।

क्या है कैंसर

जब इंसानी शरीर के किसी अंग की कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि करने लगती हैं तो उस दशा को कैंसर कहते हैं।

थीम: आइएम एंड आइ विल यानी मैं पीड़ित हूं, कैंसर को हराएंगे।

उद्देश्य: विश्व कैंसर दिवस दुनियाभर में चार फरवरी को मनाया जाता है। यह रोग की पहचान, रोकथाम और बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। 2000 में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया।

कैसे पहचानें

  • घाव का जल्दी न भरना।
  • शरीर के किसी भी हिस्से से रक्तस्नाव होना।
  • अचानक से वजन घटना या फिर भूख न लगना।
  • आहार निगलने में दिक्कत होना।
  • लगातार खांसी या आवाज में भारीपन।

वर्तमान स्थिति

  • विश्व में मुंह के कैंसर से पीड़ित लोगों में से एक तिहाई भारत में।
  • भारत में सभी तरह के कैंसर का लगभग एक तिहाई हिस्सा मुंह के कैंसर का है।
  • भारत में औसतन स्तन कैंसर से पीड़ित दो महिलाओं में एक की मौत हो जाती है।
  • 42,500 लोगों की मौत हर दिन तंबाकू से पीड़ित बीमारियों से होती है।
  • 43,17,928 महिलाओं और पुरुषों की तंबाकू से मौत।
  • करीब 25 लाख कैंसर रोगियों की संख्या भारत में।
  • 41.81 करोड़ कैंसर के नए मामले सामने आए विश्व में।
  • बीते कुछ सालों में विश्व में 19 साल से कम उम्र के बच्चों में कैंसर देखने को मिल रहा है। इनमें ज्यादातर ल्यूकेमिया और लिम्फोमा कैंसर हैं।
  • 43,57,500 पुरुषों की मौत भारत में।
  • 43,26,300 महिलाओं की मौत भारत में।

(आंकड़े एनआइसीपीआर की 2018 की रिपोर्ट पर आधारित)

बढ़ते कदम

अगर कैंसर को प्राथमिक स्टेज में पहचान लिया गया तो ब्रेस्ट, सर्वाइकल, ओरल कैंसर का इलाज संभव है।

  • कुछ कैंसर का चौथे स्टेज में भी इलाज संभव।
  • स्क्रीनिंग और इलाज का आधुनिक तरीके।
  • कई दर्द निवारक दवाओं की खोज व निर्माण।

क्या करें

  • स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं।
  • अपना वजन सामान्य श्रेणी में रखें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।
  • भरपूर मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।

क्या न करें

  • धूम्रपान व शराब का सेवन।
  • मसालेदार खाने से परहेज।
  • नमक और चीनी का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
  • महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लंबे समय तक न करें। लंबे समय तक गोलियों का सेवन करने से स्तन कैंसर या लीवर कैंसर और हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है।

सरकारी मदद

आर्थिक भार कम करने के लिए भारत में सरकार की ओर से आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, राष्ट्रीय आरोग्य निधि, स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान, केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कैंसर पीड़ितों को रेलवे व हवाई सफर में रियायत दी जाती है। (कैंसर पीड़ितों को आवश्यक दस्तावेज: मरीज को कैंसर अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण-पत्र देना होता है।)

जांच: कैंसर की जांच रक्त, मूत्र, या अन्य तरल पदार्थों की मदद से की जा सकती है। इन परीक्षणों से अंग कितनी अच्छी तरह से कामकाज कर रहे हैं, इसका पता लगाया जा सकता है।

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