शरजील इमाम को राजनीतिक संरक्षण देने वाले पूर्व जेडीयू सांसद अरुण कुमार का कहना है कि शरजील का मीडिया ट्रायल हो रहा है। बिना उसका पक्ष जाने उसे दोषी ठहराया जा रहा है और मौजूदा परिस्थियों में उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शरजील के परिवार से उनका तीन पीढ़ियों का रिश्ता रहा है और वे इससे इनकार नहीं करते हैं। लेकिन वे शरजील के ‘विवादित बयानों’ से सहमत नहीं हैं।
शरजील को बचपन से जानने वाले सांसद के मुताबिक वह बेहद शांत, पढ़ाई में रूचि रखने वाला युवक था, लेकिन जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ गलत लोगों की संगत में आकर उसके विचार उग्र हो गए। उन्होंने कहा कि शरजील का केस चलने के दौरान वे उसकी पूरी मदद करेंगे।
जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि शरजील इमाम की केस चलने के दौरान हर संभव मदद करेंगे। वे चाहेंगे कि उसके आक्रामक विचारों में परिवर्तन आए, वह सुधरे और वह एक बार फिर अपने पिता अकबर इमाम और अपने दादा-नाना की तरह सामाजिक अच्छा सामाजिक जीवन को जिए और समाज को जोड़ने वाली राजनीति करे।
उन्होंने कहा कि देश सबसे पहले होता है, धर्म बाद की चीज होती है। वे ऐसे किसी भी विचार से सहमत नहीं हैं जिसमें धर्म के आधार पर देश को बांटने वाली बात कही गई हो।
उन्होंने कहा कि शरजील इस मामले में दोषी है या नहीं, यह तय करना कानून का काम है और उन्हें भरोसा है कि अदालत अपना काम करेगी, लेकिन इसके पहले उसका मीडिया ट्रायल नहीं किया जाना चाहिए। मीडिया में बिना उसका पक्ष जाने उसे खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है जो बेहद आपत्तिजनक बात है।
उन्होंने कहा कि उन मंत्रियों और सांसदों के बयानों का भी संज्ञान लिया जाना चाहिए जो संविधान की शपथ लेकर देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने वाले बयान दे रहे हैं। अगर देश के नायक ही इस तरह बयान देंगे तो इससे देश के सामने गंभीर खतरा उत्पन्न हो जायेगा।
दरअसल, मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद इलाके के काको गांव से गिरफ्तार किया। उसी दिन जनता दल यूनाइटेड के पूर्व सांसद अरुण कुमार की एक फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गई जिसमें वे शरजील के कंधे पर हाथ रखे हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
उन पर शरजील इमाम और उनके पिता अकबर इमाम को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगा। आरोप था कि काको गांव के मुस्लिम समुदाय का वोट पाने के लिए अरुण कुमार उन्हें संरक्षण देते रहे हैं।
लेकिन अरुण कुमार का कहना है कि शरजील इमाम के परिवार में उनके पिता, दादा और नाना से उनके अच्छे संबंध थे। वे इससे इनकार नहीं करते हैं। लेकिन वे उसके उस विचार से भी सहमत नहीं हैं जिसमें कथित रूप से वह कुछ आपत्तिजनक बातें कहता हुआ देखा गया है।