राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) स्कॉलर शरजील इमाम ने कई खुलासे किए हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम से पूछताछ में शरजील ने स्वीकार किया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने का वीडियो उसका ही है. वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.
हालांकि, शरजील का कहना है कि वायरल हुआ वीडियो पूरा नहीं है. उसने एक घंटे तक भाषण दिया था. भाषण के दौरान जोश-जोश में उसने असम को देश से अलग करने का बयान दे दिया. शरजील इमाम से पूछताछ करने वाले क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के अफसरों का मानना है कि शरजील ने सोच समझ कर रणनीति के तहत भाषण दिया था.
पूछताछ में शरजील इमाम ने बताया कि वह 25 जनवरी को बिहार के फुलवारी शरीफ में सीएए-एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग की तरह चल रहे धरने में भाषण देने पहुंचा था, वो जब भाषण दे रहा था, उसी दौरान पता चला कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. ये पता चलते ही वो अंडरग्राउंड हो गया.
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, शरजील ने फुलवारी शरीफ में अपना मोबाइल बंद किया और सीधा अपने गांव काको पहुंचा और काको गांव में 25 जनवरी से गिरफ्तार होने तक छिपा रहा. शरजील के परिवार का काको गांव में काफी दबदबा है, इसलिए गांव में छिपने के लिए उसे जगह मिलती रही.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शरजील काको गांव के इमामबाड़ा (जहां ताजिया रखते है) में छिपा हुआ था. अंदर जाकर उसे गिरफ्तार करना और वहां से लाना काफी मुश्किल होता, इसलिए उसके बाहर आने का इंतजार किया गया. इसके लिए शरजील के जानने वाले कुछ लोगों की मदद भी ली गई. जैसे ही वो इमामबाड़ा से बाहर निकला, दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.