विश्व नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस की पूर्व संध्या पर गोष्ठी
लखनऊ : विश्व नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को सरोजिनी नगर के मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया| गोष्ठी में प्रोजेक्ट कन्सर्न इंटेरनेशनल के जिला समन्वयक सुधीर वर्मा ने कहा, एनटीडी का मतलब होता है नजरंदाज की गयी उष्ण कटिबंधीय बीमारियां। विश्व नेग्लेक्टेड ट्रोपिकल डिजीज दिवस प्रतिवर्ष 30 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस की थीम रखी गयी है- बीट एनटीडीज़ : फॉर गुड फॉर आल| विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया व फाइलेरिया सहित लगभग 20 बीमारियों को एनटीडी बीमारियों की श्रेणी में रखा है|
सुधीर ने बताया डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया व फाइलेरिया ऐसी बीमारियां है जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती हैं| 17 फरवरी से राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा जो कि 29 फरवरी तक चलेगा| फाइलेरिया को हाथी पाँव भी कहा जाता है| यह संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है और शरीर के लसिका तंत्र को कमजोर कर देता है| सही समय में इस संक्रमण का इलाज नहीं किया जाये तो बाद में संक्रमण बढ़ जाता है जिसकी वजह से शरीर के अंग असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं|
जिला समन्वयक ने बताया कि इसके संक्रमण से व्यक्ति में काम करने व भागने दौड़ने की क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति सामाजिक रूप से अलग थलग पड़ जाता है। यदि बचपन से ही किसी व्यक्ति में इसका संक्रमण हो जाता है तो पढ़ने व जीविकोपार्जन के अवसर कम हो जाते हैं और यहाँ तक कि उन्हें अपने परिवार और समुदाय के द्वारा अपनाए जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| गोष्ठी के अंत में कॉलेज की प्रधानाध्यापिका डॉ. गुंजन चंद्रा ने विद्यार्थियों को फाइलेरिया की दवा खाने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. जी.पी.सिंह, डॉ. अनूप मिश्रा, शिवम त्रिपाठी, अनूप शुक्ल, जेडीसिंह, सहित लगभग 200 विद्यार्थी उपस्थित थे।