लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस एवं राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) की छात्र टीमों को गणतन्त्र दिवस परेड में शानदार प्रदर्शन हेतु दो प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। सी.एम.एस. महानगर कैम्पस की छात्र टीम को ‘स्वच्छता की ज्योति जागी रे’ समूह नृत्य के लिए जबकि सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) की छात्र टीम को ‘सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की देश नहीं झुकने देंगे’ ड्रिल के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसके अलावा, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित सी.एम.एस. झाँकी को द्वितीय पुरस्कार मिला है। आज रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में सी.एम.एस. छात्र टीमों व सी.एम.एस. झाँकी को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि गणतन्त्र दिवस परेड में प्रदर्शन के उपरान्त सी.एम.एस. झाँकी इन दिनों सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस के प्रांगण में सभी के अवलोकनार्थ रखी गई है, जहाँ 28 जनवरी से 3 फरवरी तक झाँकी मेला चल रहा है। सी.एम.एस. का लक्ष्य प्रत्येक छात्र का नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक उत्थान कर उन्हें समाज का आदर्श नागरिक बनाना है एवं यह झाँकी दर्शन भी इसी प्रयास की एक कड़ी है। अधिकांश नन्हें-मुन्हें बच्चे गणतन्त्र दिवस परेड में झाँकी को नहीं देख पाते हैं उनके लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर है कि झाँकी को नजदीक से देखकर इसके विचारों को ग्रहण करें व प्रेम, प्यार, सहयोग व सहकार की भावना का विकास कर विश्व में एकता, शान्ति व खुशहाली के लिए समर्पित हों।
श्री शर्मा ने बताया कि ‘झाँकी मेले’ में आज सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस), राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस), राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस), आर.डी.एस.ओ. कैम्पस एवं अशर्फाबाद कैम्पस के लगभग 10,000 छात्रों ने सी.एम.एस. की प्रेरणादायी झाँकी को नजदीक से देखा एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ व ‘जय जगत’ के विचारों से रूबरू हुए। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने झाँकी के विभिन्न पहलुओं, इसकी विशेषताओं व इसके समाहित विचारों से छात्रों को अवगत कराते हुए कहा कि विश्व को परिवार स्वरूप मानते हुए मानव मात्र से प्रेम व सेवा करने का संदेश देती है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचारो व उनकी शिक्षाओं पर चलकर ही विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की स्थापना की जा सकती है। आज युवा पीढ़ी के कंधो पर समाजनिर्माण की महती जिम्मेदारी है, ऐसे में महात्मा गाँधी का जीवन दर्शन, उनके विचार, आदर्श व शिक्षाएं ही भावी पीढ़ी को रास्ता दिखायेंगी, तभी भारत विश्व में ‘जगत गुरू’ कहलायेगा।