लंबे समय से सुस्ती के दौर से गुजर रहे रियल एस्टेट क्षेत्र को आम बजट से इंडस्ट्री का दर्जा मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इस सप्ताह शनिवार को पेश होने के लिए प्रस्तावित बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिशा में कोई न कोई घोषणा कर सकती हैं। वर्ष 2022 तक सबके लिए घर का सपना तेजी से साकार करने के लिए भी इस तरह के कदम की जरूरत है।
इसके साथ ही इस क्षेत्र के कारोबारी सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित करने की भी मांग कर रहे हैं। बिल्डरों को उम्मीद है कि बजट में होने वाली घोषणाएं और उपाय लंबे समय के लिए इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले होंगे। रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलेगा, इस बात की पूरी संभावना दिखाई दे रही है।
हालांकि, पिछले वर्ष के आखिरी महीनों में सरकार ने इस क्षेत्र को गति देने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के एक फंड की घोषणा की है। अब बजट में रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से इसका समग्र विकास संभव हो सकेगा। रियल एस्टेट विशेषज्ञ विजय कुमार का कहना है कि इस क्षेत्र में लंबी सुस्ती का दौर है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं उसका सकारात्मक नतीजा आने वाले कुछ माह में दिखाई देने लगेगा। ऐसे में यदि बजट भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने वाला होगा तो बात कुछ और होगी।
एलान ग्रुप के एमडी रवीश कपूर का मानना है कि आगामी बजट से रियल एस्टेट क्षेत्र को भारी उम्मीदें हैं। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली कई घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है। रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा दिए जाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। उम्मीद है कि इस बार यह इंतजार खत्म हो जाएगा।
बिल्डरों ने सरकार से कई तरह के अनुदानों की मांग भी की है। बजट में इस संबंध में भी घोषणा की उम्मीद है। सिंगल ¨वडो क्लीयरेंस को लेकर सभी काफी आशान्वित हैं। इससे सिस्टम पूरी तरह से पारदर्शी होगा और किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने में समय कम लगेगा। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए भी बजट विशेष में कदम उठाए जाने की जरूरत है।