माघ मेला में निरंकारी सन्त का प्रवचन
प्रयागराज : निरंकारी संत राजीव विजलवान ने कहा कि जब तक इंसान, इस एक ईश्वर को जान नही लेता, तब तक उसका जीवन अंधकार मय है। वह तब तक इस अज्ञानता के अंधकार से मुक्त नहीं हो सकता, जब तक किसी ब्रम्ह्यज्ञानी तत्ववेत्ता महात्मा से इस ईश्वर का बोध हासिल नहीं कर लेता। उक्त विचार माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में (परेड ग्राउण्ड, लाल सड़क) स्थित निरंकारी शिविर में आज दोपहर विशेष सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं के बीच उन्होंने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ज्ञानीजन, आत्मज्ञान के ब्रम्ह्यप्रकाश से तेजवान हो उठते हैं। अन्तः करण में ज्ञान के प्रकाश की किरणें फूटने पर सम्पूर्ण मानवता को आत्म-ज्ञान से ज्योर्तिमय करने का भाव जाग्रत होता है। आज ब्रम्ह्यज्ञान की ज्योति से परिवार, पड़ोस, समाज, राष्ट्र तथा पूरे विश्व को प्रज्जवलित करते चले जाने की आवश्यकता है, तभी सच्चे अर्थों में राम राज्य की कल्पना साकार होगी अन्यथा अज्ञानता के अन्धेरे में ठोकरों के साथ चौरासी लाख योनियों की पीड़ादायी यात्रा का सामना करने से बचना सम्भव न हो सकेगा।
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