लखनऊ : राष्ट्रीय बालिका दिवस और परिवार नियोजन पर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.नरेंद्र अग्रवाल ने कहा-एक बेहतर भविष्य के लिये बालिकाओं को सशक्त बनाना आवश्यक है। तभी एक स्वस्थ समाज बन सकता है। समाज में बालक बालिकाओं में भेद किया जाता है जिसका परिणाम भ्रूण हत्या है। सरकार द्वारा भ्रूण हत्या को रोकने के लिये गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकि (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम,1994 लागू किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा इस अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना कानूनन दंडनीय अपराध है। ऐसा गैर कानूनी कार्य करने वाले और कराने वाले दोनों ही व्यक्ति दंडनीय अपराध के भागीदारी होते हैं। डा.नरेंद्र अग्रवाल ने कहा -सरकार द्वारा चलायी जा रही “मुखबिर योजना’ से जुड़कर लिंग चयन/भ्रूण हत्या/अवैध गर्भपात में सन्लिप्त व्यक्तियों/ संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही में सरकार की सहायता की जा सकती है और इसके एवज में सरकार से सहायता प्राप्त की जा सकती है।
परिवार नियोजन डिसेमिनेशन कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की अपील की गई मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय द्वारा अवगत कराया गया की गुणवत्ता परक सेवाओं से ना केवल लाभार्थी संतुष्ट होते हैं वरन अन्य लोगों को भी सेवाएं प्राप्त करने हेतु प्रेरित करते हैं| इस अवसर पर सभी ग्रामीण व शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के डॉक्टर आर वी सिंह नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी ,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी,जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप,पीसीआई,पीएफाआई, सेन्टर फ़ॉर एडवोकेसी ऐंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधि शामिल थे।