मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। देशभर में श्रद्धालुओं आज के दिन पवित्र घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। वहीं, मंदिरों में इसे लेकर विशेष पूजा का भी आयोजन हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान करना सबसे पुण्य का काम माना जाता है। माना जाता है कि इन कार्यों को करने के लिए मौनी अमावस्या का दिन सबसे बेहतर व शुभ होता है। इस बार मौनी अमावस्या 24 जनवरी को पड़ी है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन उपाय करने से उसके विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस दिन गंगा स्नान के बाद भगवान विष्णु और शिव की आराधना की जाती है, पूजा पाठ के साथ दान किया जाता है। दिनभर मौन व्रत रखा जाता है। आइये इससे जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं…
- मौनी अमावस्या के दिन जितना हो सके उतनी शांति बनाए रखें। विवाद से दूर रहें।
- मौनी अमावस्या के दिन मौन रखना, गंगा स्नान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम खखोल्काय नम:, ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- मौनी अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुत्ते, गाय, कौए को रोटी खिलानी चाहिए।
- मौनी अमावस्या के दिन गंगा में डुबकी लगाने का महत्व होता है। वहीं अगर आप घर हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन शराब व मांस-मछली का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
- मौनी अमावस्या के दिन शनि की शांति के उपाय भी किए जाते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से भी लाभ हासिल होता है।
- मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, दर्पण, स्वूर्ण और दूध का दान करना सबसे ज्यादा पुण्य का काम माना गया है।
स्नान करना का अच्छा समय
वहीं, आपको बता दें कि अमावस्या के दिन गंगा में डुबकी 24 जनवरी को रात के आखिरी पहर से लेकर सूर्यास्त होने से पहले लगा सकते हैं। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 जनवरी 2020 को देर रात 2 बजकर 18 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 जनवरी 2020 को देर रात 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
तस्वीरों में देखें
प्रयागराज : मौनी अमावस्या पर भोर में संगम पर उमड़ी भीड़।
उत्तरप्रदेश के फाफामऊ में श्रद्धालुओं की जुटी गंगा घाट पर भीड़।
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले के दौरान हिंदू श्रद्धालु संगम पर भोजन तैयार करते हुए।