नागरिकता संशोधन कानून पर चल रही सुनवाई
नई दिल्ली : देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ और समर्थन में दायर कुल 144 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इनमें एक याचिका केंद्र सरकार ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ और विभाजनकारी बताते हुए रद्द करने का आग्रह किया है। ज्यादातर याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून की वैधता को चुनौती दी गई है, वहीं कुछ याचिकाओं में इस कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यी पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
न्यायालय ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता तय करने के लिए वह अपीलों को वृहद संविधान पीठ के पास भेज सकता है। नागरिकता कानून को लेकर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को बिना सुने हम CAA पर रोक नहीं लगाएंगे। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं। नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल वीके वेनुगोपाल ने कहा कि केंद्र ने एक प्रारंभिक हलफनामा तैयार किया है जो आज दायर किया जाएगा। इस पर एएम सिंघवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने प्रक्रिया शुरू कर दी है, यह अपरिवर्तनीय है क्योंकि एक बार नागरिकता प्रदान करने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है।