शिक्षा के माध्यम से देशनिर्माण में रत शिव नादर फाउंडेशन का प्रेरक व सराहनीय प्रयास

उत्तर प्रदेश में वंचित परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करा फ्यूचर लीडर के रूप में तैयार करने का अहम काम विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी सफलतापूर्वक कर रही है। इसके तहत दो बोर्डिंग स्कूल उप्र में स्थापित किए गए हैं, एक बुलंदशहर और दूसरा सीतापुर में। दोनों में एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के होनहार बच्चों को वैश्विक स्तर की स्कूली शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। दोनों स्कूल 10 साल पूरे कर चुके हैं। इन 10 सालों में इन दो स्कूलों ने जो कर दिखाया, वह देश-दुनिया के लिए प्रेरक है। ऐसा प्रयास, जो सचमुच देश की तकदीर बदलने का माद्दा रखते हैं।

शिव नादर फाउंडेशन का विजनमिशन एकदम स्पष्ट है- शिक्षा के माध्यम से देशनिर्माण। इसकी पूर्ति में विद्याज्ञान सहित अनेक शिक्षण संस्थानों का संचालन फाउंडेशन के बैनर तले किया जा रहा है। फाउंडेशन के शिक्षा अभियान के तहत 340 स्कूलों में स्तरीय शिक्षा और सहयोगी संसाधन मुहैया कराए गए हैं। एक

विश्वविद्यालय भी है, जो फ्यूचर लीडर्स गढ़ने के एकसूत्रीय फार्मूले पर आधारित है।

इंडियन बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर 2019 और फोब्र्स की विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शुमार एचसीएल टेक्नोलॉजीस की उपाध्यक्ष व एचसीएल कारपोरेशन की सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा अपने पिता उद्योगपति शिव नादर द्वारा 25 वर्ष पूर्व स्थापित समाजसेवी संस्था शिव नादर फाउंडेशन की कमान भी संभाले हुए हैं। शिव नादर भी इसमें सक्रिय हैं, लेकिन अब रोशनी ही उनके बिजनेस और फाउंडेशन को लीड करती हैं। पिता की तरह ही बेटी भी सेवाकार्य को उतना ही महत्वपूर्ण आंकती है, जितना कि बिजनेस।

शिक्षा से ही सशक्तीकरण संभव

शिक्षा को सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी उपकरण मानने वाले शिव नादर कहते हैं, विश्वशक्ति के रूप में उभरता भारत अलग-अलग भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक घटकों का एक बेहतर समावेश है। विशाल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा युवा है। यही देश की ताकत, यही भविष्य है। इसके बूते हम देश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं और एक खुशहाल वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। लेकिन भारत के सामने अपनी ही तरह की कुछ विलक्षण चुनौतियां भी हैं। लिहाजा, हमें अपनी युवाशक्ति को चेंजमेकर, बदलाव का वाहक बनाना होगा। हमारा युवा सुशिक्षित, प्रशिक्षित, कुशाग्र और आत्मविश्वास से भरा होगा, तो निश्चित ही देश का भविष्य भी उज्जवल होगा। शिक्षा ही वह उपकरण है जो इस दिशा में सबसे कारगर सिद्ध होगा। यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा ही किसी देश और समाज के विकास और सशक्तीकरण का अहम माध्यम है।

बदलनी होगी सोच…

शिव नादर अफसोस जताते हैं कि देश में अब भी शिक्षा को महज साक्षरता और रोजगार का प्राथमिक माध्यम माना जाता है, जबकि प्राथमिकता अब भविष्य का नवनिर्माण और इसके लिए कल के कुशल नेतृत्वकर्ताओं को गढ़ने के रूप में निर्धारित की जानी चाहिए। इस दिशा में परिवर्तनकारी शिक्षा एकमात्र प्रभावी टूल है, जो व्यक्ति, समाज और देश को बदल सकता है। फाउंडेशन के रचनात्मक सेवाकार्यों के पीछे भी शिक्षा ही मूल प्रेरणा है।

विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के बारे में शिव नादर कहते हैं, हम वंचित परिवारों के उन बच्चों को बेहतर शिक्षा के जरिये भविष्य के लीडर बनाने में जुटे हैं, जो कुशाग्र होने के बावजूद अर्थाभाव के कारण पीछे रह जाते हैं। यही बच्चे कल लाखोंकरोड़ों भारतीयों के जीवन और भविष्य को रूपांतरित करने का काम करेंगे। हालही में हमने फाउंडेशन की 25वीं वर्षगांठ मनाई है। विद्याज्ञान अकादमी की स्थापना को भी 10 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस सीमित समय में हमने यह अनुभव किया कि शिक्षा के बूते सचमुच हम बड़ा बदलाव लाने में सफल हो रहे हैं। शिक्षण और मूल्य निर्माण में रत फाउंडेशन के इन संस्थानों के माध्यम से मैं देश और समाज की सेवा को जीवन की यह दूसरी पारी समर्पित कर चुका हूं।

पिता की राह पर बेटी

एचसीएल की उपाध्यक्ष व सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा फाउंडेशन का काम देख रही हैं। विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी की भी चेयरपर्सन हैं।

स्थायी प्रभाव वाले संस्थानों की स्थापना

रोशनी नादर कहती हैं, परिवर्तनकारी और समावेशी शिक्षा हमारे देश को ज्ञान, कौशल, मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित उज्जवल भविष्य प्रदान कर सकती है और यही कारण है कि शिव नादर फाउंडेशन स्थायी प्रभाव वाले संस्थानों को बनाने की दिशा में काम करता है, जो भविष्य की पीढ़ियों को बदलने की शक्ति रखते हैं। परिवर्तनकारी शिक्षा के क्षेत्र में शिव नादर फाउंडेशन की पहल सफलतापूर्वक साकार हो उठी है।

इस विश्वास के साथ कि समग्र शिक्षा परिवर्तन के सबसे शक्तिशाली साधनों में से एक है, आमजन, विशेषकर वंचित वर्ग के लिए प्रभावकारी शिक्षा मुहैया कराने का काम बड़े पैमाने पर हम कर रहे हैं। शिव नादर ने समाजसेवा के लक्ष्य में शिक्षा क्षेत्र को माध्यम के रूप में चुना है क्योंकि वह खुद की सफलता के पीछे भी शिक्षा की ही बड़ी भूमिका मानते हैं, जिसने उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छात्रों की पृथक सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद हमारे शिक्षण संस्थानों में उन्हें आदर्श वातावरण प्रदान कर भविष्य के लीडर के रूप में गढ़ा जाता है।

उत्तर प्रदेश में स्थापित विद्याज्ञान अकादमी के दो स्कूलों के माध्यम से प्रदेश के 75 जिलों के होनहार बच्चों को हम भविष्य का लीडर बनाने में जुटे हुए हैं। यह वे बच्चे हैं, जो होनहार होने के बावजूद गरीबी के कारण बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते।

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