अखिलेश ने भाजपा सरकार पर लगाया धार्मिक भेदभाव का आरोप
लखनऊ : सोमवार को बसपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सपा की सदस्यता हासिल की। इसमें पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी समेत कई पूर्व विधायक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सदस्यता ली। पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी को बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर पर 23 नवंबर 2019 को पार्टी से निकाल दिया गया था। उनके साथ तीन पूर्व विधायकों को भी पार्टी से निकाला गया था। इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- हमने लैपटॉप दिए, इन्होंने शौचालय दिया। नोटबंदी से देश को लाइन में लगा दिया। अब फिर लाइन में लगाने के जुगाड़ में हैं। देश के संविधान में धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं था, इन्हें पूर्ण बहुमत मिल गया तो संविधान के साथ छेड़छाड़ कर दी। गांव के लोग कागज कहां से ढूंढेंगे? बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के पास महलों के कागज नहीं हैं।
अखिलेश ने लोगों से सवाल पूछा कि, नोटेबंदी से क्या हुआ? राष्ट्र के नाम पर देश के लोग लाइन में लग गए। क्या मिला बताओ? अब फिर लाइन मे लगाने के जुगाड़ में हैं। देश के संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं था, इनको पूर्ण बहुमत मिल गया इन्होने संविधान के साथ छेडछाड़ कर दी। गांव के लोग कहां से कागज ढूंढेंगे। बड़े बड़े राजा महाराजाओं के पास महलों के कागज नहीं हैं। ये कानून मुसलमानों के साथ साथ आम गरीबो के भी खिलाफ है। जातीय आधार पर जनगड़ना होनी चाहिए। जिस दिन जातियों के आधार पर जनगड़ना हो गयी, हिन्दू मुस्लिम का झगड़ा नहीं होगा।
योगी को नहीं पता नीचे से नंबर वन आता है या ऊपर से
अखिलेश ने कहा- मौसम में बदलाव दिखाई दे रहा है और ये छोटा बदलाव नहीं है। मैं रामप्रसाद चौधरी को बधाई देता हूं कि इतनी बड़ी संख्या में आए। भाजपा के लोगों ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया। किसानों ने सरकार बनवा दी। लेकिन किसान भाइयों को कुछ नहीं मिला। अगर किसान की आय दोगुनी नहीं कर सकते, रोड नहीं बनवा सकते, मेडिकल कालेज नहीं बनवा सकते तो शर्म करनी चाहिए। आज उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम में नंबर 1, महिला अपराध में नंबर 1, बाल अपराध में नंबर 1। हमारे मुख्यमंत्री जानते नहीं कि नंबर 1 कहां से आना है? ऊपर से या नीचे से।