आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर रासुका लगाने, अभियंताओं एवं कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु बिजली कार्मिक प्रोटेक्शन एक्ट लागू मांग
लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र की शनिवार, 18 जनवरी को हुई एक आपातकालीन बैठक में 16 जनवरी को मथुरा में प्रदीप कुमार, अवर अभियन्ता की गोली मारकर की गयी हत्या तथा नैनी, प्रयागराज एवं लोनी, गाजियाबाद सहित बिजली अभियन्ताओं पर हुए जानलेवा हमलों को लेकर विद्युत कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया गया। सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को 24ग्7 बिजली देने के संकल्प को पूरा करने हेतु विद्युत कर्मचारी, अवर अभियन्ता एवं अभियन्ता, मैन, मेटेरियल व मनी की भारी कमी के बावजूद, पूरे मनोयोग से कार्य करते हैं परन्तु उपद्रवी एवं अराजक तत्वों द्वारा अराजकता एवं जानलेवा हमलों आदि से बिजली अभियन्ता, अवर अभियन्ता एवं कर्मचारी इस कदर भयाक्रान्त हैं कि वे बिजली चोरी चेकिंग, राजस्व वसूली अभियान आदि कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
क्षेत्रों में ऐसी जानलेवा घटनायें घटित हो रही हैं जिस कारण क्षेत्रों में कार्य करना अत्यन्त दुष्कर हो गया है एवं हर समय जान जोखिम में होने का बना रहता है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने शनिवार को अध्यक्ष उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड को एक पत्र लिखकर मांग की है कि उपभोक्ताओं को सुचारू एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बिना किसी भय, दबाव आदि के सरकारी कार्यों का निष्पादन करने हेतु तत्काल प्रभावी कार्यवाही करें।
पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि उपरोक्त संवेदनशील बिन्दुओं पर प्रबन्धन द्वारा अतिशीघ्र प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति, लोकतांत्रिक तरीके से विरोध/ध्यानाकर्षण जैसे कदम उठाने हेतु बाध्य होगी। आज की बैठक में शैलेन्द्र दुबे, एके सिंह, राजीव सिंह, जीवी पटेल, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, शशिकांत श्रीवास्तव, डीके मिश्रा, जय प्रकाश, केएस रावत, विनय शुक्ला, सुनील प्रकाश पाल, शम्भू रतन दीक्षित, महेंद्र राय, मोहम्मद इलियास, वी सी उपाध्याय, विपिन प्रकाश वर्मा, कुलेन्द्र सिंह, पीएन राय, पीएन तिवारी, परशुराम, भगवान् मिश्रा, पूसेलाल, एके श्रीवास्तव, आरएस वर्मा, वीके सिंह, पीएस बाजपेई मुख्यतया उपस्थित रहे।