राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हैं. मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का राग अलापा है. संघ प्रमुख ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संघ का मानना है कि यह देश हिंदुओं का है.
उन्होंने कहा कि यहां जितने लोग हैं, उन सबके पूर्वज हिंदू थे. यह सत्य है. बाहर से आया हुआ यहां कोई नहीं है. सब यहीं के हैं. उनके पूर्वज हिंदू थे. उनकी मातृभूमि भारत है, दूसरी नहीं. संघ प्रमुख ने कहा कि उन सबको विरासत में यही धर्म और संस्कृति मिली है, तभी लोग आपस में मिलकर रहते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर समाज का हर तबका काम नहीं करता है तो कार्य का बंटवारा होगा. अगर सभी लोग सोते रहे तो भी काम नहीं चलने वाला. सबको करने की आदत लगनी चाहिए. संघ प्रमुख ने कहा कि देश का सबसे निकृष्ट व्यक्ति जितना अच्छा है, वैसा ही हमारे देश का वैभव है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए आदत लगानी पड़ेगी. इसका स्थान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा है. उन्होंने कहा कि जब संघ हिंदू समाज कहता है तब वह किसी पंथ को, भाषा को, प्रांत को, जाति को अलग नहीं मानता.
इजराइल का दिया उदाहरण
संघ प्रमुख ने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के लोगों को स्वतंत्रता से पहले यह प्रस्ताव मिला था कि रेगिस्तान पर फिर से अपना देश बसाने पर उन्हें क्या मिलेगा, लड़ना भी बहुत पड़ेगा. अफ्रीका में 400 गुना अधिक जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन लोगों ने मातृभूमि के लिए यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि ये भारत की मिट्टी से ही निकले हैं.
हमलोग संविधान को प्रमाणिकता से मानने वाले
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश को लेकर आजादी के पहले स्वतंत्रता सेनानियों के जो विचार थे, वही हमारे संविधान में प्रकट हुए. उन्होंने कहा कि हमलोग उस संविधान को प्रमाणिकता से मानने वाले लोग हैं. सम्पूर्ण भारत के एक- एक व्यक्ति का कल्याण हो, हम ऐसी सद्भावना मन में लेकर काम करते हैं. संघ प्रमुख ने संविधान में नागरिकों के कर्तव्य पढ़िए.