पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 17 जनवरी सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें 20 करोड़ रुपये वापस देने की इजाजत दे दी है। दरअसल, कार्ति ने विदेश यात्रा करने की अनुमति पाने की शर्त में अदालत की रजिस्ट्री में 20 करोड़ रुपये जमा कराए थे।
जिसकी एवज में उन्हें विदेश यात्रा करने की इजाजत मिली थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 के जनवरी महीने के लिए 10 करोड़ रुपये और मई महीने के लिए 10 करोड़ रुपये जमा किए थे। पैसै जमा कराने के बाद उन्हें विदेश जाने की अनुमति मिली थी।
INX मीडिया केस और एयरसेल मैक्सिस केस में हैं आरोपित
कार्ति चिदंबरम और उनके पिता पी चिदंबरम आइएनएक्स मीडिया केस और एयरसेल मैक्सिस केस में आरोपित हैं। फिलहाल वह जमानत पर रिहा है। इस पूरे मामले की छानबीन चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान विदेश जाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने अदालत की रजिस्ट्री में 20 करोड़ जमा किए थे जिसकी एवज में उन्हें विदेश जाने की इजाजत मिली थी।
क्या है एयरसेल मैक्सिस केस
यह केस फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से जुड़ा हुआ मामला है। वर्ष 2006 में एयरसेल मैक्सिस डील को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री मंजूरी दी थी। इन पर आरोप है कि उन्होंने बड़े प्रोजेक्ट पर बिना कैबिनट कमेटी की मंजूरी लिए पास किया।
इस दौरान सामने आया कि उन्होंने इस डील के जरिये बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों को फायदा पुहंचाया। इस मामले पर कार्ति को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। फिलहाल वह बेल पर बाहर हैं। वहीं पी चिदंबरम से भी पूछताछ हो चुकी है। यही नहीं काफी दिनों तक पूर्व वित्त मंत्री को तिहाड़ भी जाना पड़ा था। फिलहाल कोर्ट ने उन्हें सशर्त के साथ जमानत दी है।