जनपदों के प्रभारी मंत्रियों एवं नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले में गंगा यात्रा की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा के प्रति हम सबकी आस्था है। जरूरत इस बात की है कि लोगों को गंगा की आर्थिक अहमियत भी समझाई जाए। 27 से 31 जनवरी तक प्रस्तावित गंगा यात्रा कार्यक्रम में आस्था के साथ इस विषय पर खास फोकस करें। गुरुवार को यहां लोक भवन में गंगा यात्रा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के किनारे के गांवों में जीरो बजट, जैविक खेती और पौधरोपण को बढ़ावा दें। खेती के बारे में हर दो ग्राम पंचायतों के बीच एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें। प्रशिक्षण के लिए विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित करें। इसी तरह गंगा के किनारे के गांवों के जो किसान खेत के मेड़ पर पौधरोपण करना चाहते हैं। उनको कृषि जलवायु क्षेत्र की अनुकूलता और उनकी पसंद के मुताबिक फलदार पौधे उपलब्ध कराएं। जो पूरे खेत में पौध लगाना चाहते हैं उनको तय रकबे में तय समय के लिए अनुदान दें।
वाराणसी को बनाएं दक्षिण पूर्वी एशिया के लिए निर्यात का हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी से हल्दिया तक के जलमार्ग के जरिए बांग्लादेश और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में किन-किन चीजों का निर्यात हो सकता है, इसकी संभावनाएं तलाशें। इसके लिए वाराणसी के टर्मिनल का हब के रूप में प्रयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान हर जिले में केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्री रहेंगे। रात्रि विश्राम भी होगा और चौपाल भी लगेगी। अलग-अलग गांवों में प्रभारी मंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, राज्यसभा सदस्य, विधानसभा सदस्य रात्रि विश्राम करेंगे। चौपालों में तटवर्ती गांव के हर पात्र व्यक्ति को शासन की जनहित से जुड़ी सभी योजनाओं से संतृप्त करें। सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें।
प्रभारी मंत्री अभी से अपने-अपने जिलों में जाकर यात्रा के रूट का दौरा कर लें। साथ ही प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दें। जिस जिले से यात्रा गुजरे उसके हर तटवर्ती गांव में उस दिन कोई न कोई कार्यक्रम होना चाहिए। लोगों को जागरूक करने के लिए वॉल राइटिंग कराएं। मुख्यमंत्री ने गंगा यात्रा के लिए थीम सांग तैयार करने का भी निर्देश दिया। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉ. दिनेश शर्मा, सरकार के मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह, श्रीकांत शर्मा, गोपाल टंडन, सुरेश राणा, दारा सिंह चौहान, लक्ष्मी शंकर चौधरी, नीलकंठ तिवारी के अलावा सभी तटवर्ती जिलों के प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव, यात्रा से जुड़े विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।