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उन्होंने जेएनयू की घटना के लिए पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कनिष्ठ अधिकारियों के साथ ही पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए तथा विश्वविद्यालय में तैनात सिक्योरिटी कंपनी की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए। जेएनयू में बढ़ी हुई फीस को वापस लिया जाने की मांग के साथ ही एम. जगदीश कुमार के अब तक के कार्यकाल में हुई हर नियुक्ति और हर प्रशासनिक फैसले की जांच की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा जेएनयू में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से प्रभावित वाले लोगों की नियुक्ति की गई है और एक एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर नियुक्त किया गया। सुष्मिता देव ने आरोप लगाया कि पांच जनवरी की हिंसा पूरी तरह सुनियोजित थी और इसमें कुलपति भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि हॉस्टल वार्डन तपन बिहारी के घर से भीड़ ने निकल कर छात्रों पर हमला किया।