अवध शिल्प ग्राम में आयोजित हुनर हाट कार्यक्रम का केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व सीएम योगी ने किया उद्घाटन
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश भर में जिन परंपरागत शिल्पकारों, कारीगरों, उद्यमियों का हुनर खत्म हो चुका था, हुनर हाट के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने उन हुनरमंदों को एक नया मंच दिया है। उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी यूपी के स्थापना दिवस समारोह पर ओडीओपी उद्यमियों के लिए प्रदेश सरकार एक बड़ी घोषणा करने वाली है। जिससे और भी बड़ी संख्या में निवेशक निवेश के लिए आकर्षित होंगे। यूपी अपने परंपरागत उद्यमों से विगत एक साल में 28 फीसदी एक्सपोर्ट करने में सफल रहा है। प्रदेश सरकार राज्य में निवेश का माहौल बनाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को अवध शिल्प ग्राम में हुनर हाट कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब उत्तर प्रदेश अपने परंपरागत उद्योगों को लेकर पहले स्थान पर था, लेकिन उपेक्षा के कारण इन उद्योगों को बढ़ावा नहीं मिल सका। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उत्पाद स्कीम के तहत अपने शिल्पियों, उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर की एक्जिबिशन में आने-जाने की सब्सिडी देने, उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, मैपिंग और मार्केटिंग के लिए कार्यक्रम बनाए। प्रदेश भर के 75 जिलों के परंपरागत उद्योंगों को बढ़ावा दिया। विगत दो सालों में मैंने महसूस किया है कि अगर हम थोड़ा सा सपोर्ट करे तो उत्तर प्रदेश के कारीगर देश और दुनिया में अपने शिल्प और अपनी कला का लोहा मनवा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत की, जिससे परंपरागत कारीगरों को प्रोत्साहित किया जा सके। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत सरकार दस्तकारों को टूल किट प्रदान कर रही है। यही नहीं उद्योग विभाग द्वारा उन्हें प्रशिक्षण कर प्रशिक्षित किया जाता है और सर्टिफिकेट दिया जाता है, ताकि वे अपना कामकाज आसान तरीके से प्रारंभ कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों और पारम्परिक कारीगरों की तरक्की के लिए लागू की गई है। इस योजना से दर्जी, बढ़ई, नाई, हलवाई, सुनार, लोहार, टोकरी बुनकर, मोची, राजमिस्त्री व हस्तशिल्पियों की आजीविका के साधन मजबूत हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा करने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश के अंदर माटी कला बोर्ड को प्रोत्साहित किया। माटी कला बोर्ड प्रदूषण को रोकने के लिए बेहतरीन प्रयास हो सकता है। प्रदेश के अंदर जिन तालाबों को जल संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाना था, वो गंदगी का अड्डा बन चुके थे। पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस की बीमारी भी इसी गंदगी का परिणाम था। हमारी सरकार अप्रैल से जून तक कुम्हारों को तालाबों की मिट्टी निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। साथ ही, जल संचयन व संरक्षण कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। हमने कुम्हारों को इलेक्ट्रिक व सोलर चाक उपलब्ध कराई जिससे उनकी कार्यक्षमता में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। यही नहीं परंपरागत उद्यम के माध्यम से मिलने वाली मिट्टी के बर्तनों के दाम कम हुए और उत्पादन क्षमता बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि लखनऊ का अवध शिल्प ग्राम कारीगरों, शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ही स्थापित किया गया है। प्रदेश सरकार हर राज्य के उद्यमियों को एक शोरूम देने पर विचार कर रही है जिससे उन्हें आसानी होगी। सरकार ने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के उन उद्यमियों को सम्मानित करने की तैयारी शुरु कर दी है जिन्होंने उत्तर प्रदेश के एक्सपोर्ट को बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का ही परिणाम है कि आज मुरादाबाद दुनिया भर में 6 हजार करोड़ का प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहा है। भदोही 4 हजार करोड़ की कारपेट आज पूरे देश में एक्सपोर्ट कर रहा है। सरकार ने उत्पादों की पैकजिंग और डिजाइन में सुधार लाकर इन्हें पूरे देश में लोकप्रिय बनाने का काम किया है।
हुनर हाट के लाभ
• केंद्र सरकार अगले 5 सालों में देश भर में 100 से अधिक स्थानों में हुनर हाट का करेगी आयोजन
• हुनर हाट भारतीय कारीगरों की धरोहर के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
• हुनर हाट से प्रतिभाशाली कलाकारों को प्लेटफॉर्म मिलता है।
• भारतीय कारीगरों व शिल्पकारों के विश्वसनीय ब्रांड का निर्माण होता है।
• हुनर हाट के जरिए शिल्पकारों व कारीगरों को सशक्तिकरण व रोजगार के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है।
• मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के उद्देश्य को पूरा करने में हुनर हाट सहायक है।
• हुनर हाट का आयोजन केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा उस्ताद योजना के तहत किया जाता है।
• उस्ताद योजना का उद्देश्य भारत के अल्पसंख्यक समुदाय की परंपरागत कला और शिल्प की धरोहर का संरक्षण करना है।
• उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जाता है।
• हुनर हाट भारतीय कारीगारों और शिल्पकारों की स्वदेशी प्रतिभा का विश्वनीय ब्रांड साबित हुआ है।